10 जून। उत्तराखंड में दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने वालों के खिलाफ और नफरत की राजनीति पर रोक लगाने की माँग को लेकर शुक्रवार को विभिन्न जन संगठनों ने राज्य के विभिन्न शहरों जैसे देहरादून बागेश्वर, नैनीताल, ऋषिकेश, रामनगर, कोटद्वार, अल्मोड़ा, चंपावत, साल्ट, गोपेश्वर, गैरसैंण, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, श्रीनगर, लालकुआं, हल्द्वानी, रुद्रपुर में प्रदर्शन किया। इस दौरान उत्तरकाशी के पुरोला में निर्दोष अल्पसंखयकों की रक्षा के लिए तत्काल ठोस उपाय किए जाने, किसी को भी भीड़ हिंसा और नफरत फैलाने की अनुमति न दिये जाने व उच्चतम न्यायालय द्वारा भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर नोडल अफसर नियुक्त करने आदि माँगों को लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक को प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन भेजे गए।
प्रमुख माँगें
1) हर अपराधी के विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई हो, अपराध का फैसला किसी भी दशा में धार्मिक आधार न हो।
2) सत्यापन या कोई भी अन्य प्रशासनिक कार्य भी धार्मिक आधार पर न किया जाए।
3) पुरोला में सामान्य स्थिति बहाल करने और निर्दोष अल्पसंखयकों की रक्षा के लिए तत्काल ठोस उपाय किए जाएं।
4) किसी को भी भीड़ हिंसा और नफरत फैलाने की अनुमति न दी जाए।
5) राज्य सरकार द्वारा अतिक्रमण हटाने के अभियान को भी, जिस तरह से सांप्रदायिक विभाजन के औजार की तरह प्रयोग किया, उस पर भी तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।
6) उच्चतम न्यायालय द्वारा भीड़ हिंसा रोकने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर नोडल अफसर नियुक्त करने के निर्देशों का तत्काल प्रभावी तौर पर अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाए।
(‘मेहनतकश’ से साभार)