नहीं मिला एंबुलेंस तो थैले में शव ले जाने को मजबूर हुए माता-पिता

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16 जून। मध्‍यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिले डिंडौरी से दिल को द्रवित करने वाला मामला प्रकाश में आया है। जहाँ डिंडौरी जिले के शहपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सहजपुरी गाँव में एक आदिवासी बाप को अपने बच्चे का शव थैले में रखकर ले जाना पड़ा, क्‍योंकि जबलपुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शववाहन देने से मना कर दिया। पीड़ित सुनील धुर्वे के मुताबिक, पत्नी जमनी बाई ने 13 जून को जिला अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था।

नवजात शारीरिक रूप से बेहद कमजोर था। अगले दिन यानी 14 जून को जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे जबलपुर मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया। जबलपुर में 15 जून को इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई। नवजात के शव को वापस डिंडौरी लेकर आना था। बेबस पिता ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से शववाहन उपलब्ध कराने का निवेदन किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। अंततः वह बस से घर वापस आया। उसने आगे कहा, कि रास्तेभर अंदर से अपनी किस्मत पर रोता रहा, लेकिन उसने आंसू नहीं आने दिए। दिल पर पत्थर रखकर बैठा रहा, क्योंकि बस वालों को पता चलता तो उसे उतार सकते थे।

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