29 जून। शुक्रवार 29 जून को बीएचयू के लंका गेट पर, सर्व सेवा संघ को ध्वस्त करने के नोटिस खिलाफ, बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार, डॉ राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, विनोबा भावे, लालबहादुर शास्त्री, बाबू जगजीवन राम, मौलाना आज़ाद व जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित सर्व सेवा संघ को अवैध बताकर ध्वस्त करने की बात कर रही है। यह महात्मा गांधी के विचारों पर हमला है। देश की जनता राष्ट्रीय विरासत पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगी।
विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बताया कि रेलवे प्रशासन ने जमीन बिक्री के पैसे लिये हैं अपने अकाउंट में। रेलवे के अधिकारियों के सेल डीड पर हस्ताक्षर हैं। 1960 में बने कागज पर 2023 में सवाल उठाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कागज जाली है!
सिर्फ इतना ही नही रेलवे और सर्व सेवा संघ का आपस में गहरा नाता रहा है। भारत के हर रेलवे स्टेशन पर सर्वोदय प्रकाशन के बुक स्टॉल हैं। आज भी रेलवे टाइम टेबल की किताबों के पन्ने पलटिए तो आप पाएंगे कि कन्सेशन नियम के पन्ने पर सर्व सेवा संघ के सम्मेलन के लिए रेल भाड़े में कन्सेशन के नियम लिखे हुए हैं। किसी अन्य ट्रस्ट/संस्था के लिए क्या रेलवे ऐसा करता है?
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इन लोगो से हमें सचेत ढंग से लड़ना होगा। सावरकर और नाथूराम के समर्थक बापू की को सम्मान दें ये तो होना ही नहीं था। हमें एकजुट होकर इनकी मुख़ालफत करनी होगी। अहिंसा और सत्य का रास्ता दृढ़ता से अपनाने का समय आ गया है। हम संकल्प लेते हैं कि सर्व सेवा संघ परिसर बचाने की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर सर्वोदयी साथियों के साथ खड़े रहेंगे।
विरोध प्रदर्शन में रैनी, इंदु पांडे, मारुति मानव, समरेंद्र, उमेश, जितेंद्र, प्रियदर्शन, विनय, प्रिंस यादव, संदीप, शशि, अमरेंद्र, शुभम, पीयूष, शिवराज, मोहित, धनंजय आदि की प्रमुख भूमिका रही।
– नीरज
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