4 जुलाई। ‘एड्डेलु कर्नाटका’ की तर्ज पर महाराष्ट्र में सिविल सोसाइटी के कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्रचा जागर अभियान चलाने का निश्चय किया है। आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील की जाएगी। महाराष्ट्र के जलगाँव में ‘भारत जोड़ो अभियान’ की बैठक में सैकड़ों कार्यकर्ताओं, लेखकों और युवाओं ने भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति के खिलाफ अभियान चलाने के लिए हाथ मिलाया। 1 जुलाई तथा 2 जुलाई को हुई इस दो दिवसीय बैठक में यह तय किया गया कि लोगों से भाजपा के खिलाफ सबसे मजबूत उम्मीदवार को वोट देने की अपील की जाएगी। इस बैठक में जमीनी स्तर पर तथा साथ ही सोशल मीडिया पर विभिन्न कार्यों की एक रूपरेखा भी बनाई गयी।
इस दो दिवसीय बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सांस्कृतिक आक्रमण, अल्पसंख्यकों पर हमला, मीडिया का गला घोंटना, युवा, श्रमिक, ओबीसी, महिलाएं, आदिवासी सहित 18 विषयों पर विचार-विमर्श कर अपने अनुभवों और शिकायतों को साझा किया। सामाजिक कार्यकर्ता ‘श्रमिक मुक्ति दल’ के नेता भरत ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव देश के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। भाजपा और आरएसएस सुनियोजित तरीके से संविधान को खत्म कर रहे हैं और सामाजिक न्याय को उलटने की कोशिश कर रहे हैं।
युवा कार्यकर्ता श्रीनिवास शिंदे ने कहा, कि 45 वर्षों में बेरोजगारी की उच्चतम दर सीधे तौर पर मोदी सरकार की गलत नीतियों का परिणाम है। हम सभी राज्य का दौरा कर युवाओं को इस तथ्य से अवगत कराने की योजना बना रहे हैं। छत्रपति संभाजीनगर में कूड़ा बीनने वालों के संगठन की नेता आशाताई ढोके ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक प्रभावित वर्ग गरीब वर्ग है। गरीब तबका लगातार महंगाई का सामना कर रहा है, और साथ ही दिन-ब-दिन और गरीब होता जा रहा है। लेकिन अभी भी गरीब तबका मीडिया की गिरफ्त में है, और उन्हें लगता है कि मोदी उनके लिए बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। उन्हें उनकी सोच से बाहर लाना कठिन होगा।
लोकसभा सीटों की संख्या के लिहाज से महाराष्ट्र 48 सीटों के साथ दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। ‘एड्डेलु कर्नाटका’ के तर्ज पर महाराष्ट्र की सिविल सोसाइटी ने उन सीटों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है, जहाँ कड़ा मुकाबला हो सकता है। इसमें 35 सीटों पर पूरी तरह से और नौ सीटों पर आंशिक रूप से काम करने की योजना है। ‘एड्डेलु कर्नाटका’ आंदोलन के कार्यकर्ता लोकेश नायक ने अपील की, कि महाराष्ट्र में विभिन्न क्षेत्रों के उन कार्यकर्ताओं को अपनी मजबूत भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी, जिनके पास अनुभव, प्रतिबद्धता और जनता के बीच सम्मान है। अगर चीजें योजना के अनुसार हुईं, तो जरूर एक बड़ी सफलता हासिल होगी।
(इनपुट ‘फ्रंटलाइन’ में प्रकाशित आमे तिरोडकर की रिपोर्ट से साभार)