5 जुलाई। छत्तीसगढ़ में हजारों स्वास्थ्यकर्मी पुनः अपनी माँगों को लेकर बीते मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ये हड़ताल वेतन विसंगति समेत उन्हीं 12 सूत्री माँगों को लेकर की जा रही है, जिसके लिए बजट से पहले इन स्वास्थ्यकर्मियों ने विशाल प्रदर्शन किया था। हालांकि तब भी सरकार ने चुप्पी साध रखी थी, और अब भी सरकार इनके ज्ञापनों पर मौन ही है। ऐसे में इन सभी कर्मचारियों को अब पूरक बजट का ही सहारा है।
इस हड़ताल के चलते राज्य की स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह प्रभावित है। स्वास्थ्यकर्मियों ने मीडिया के हवाले से बताया, कि ज्ञापन और पत्र के माध्यम से कई बार माँगों को सरकार के प्रतिनिधियों के समक्ष रखा गया, लेकिन इन सब के बावजूद सरकार उनकी माँगों को अनसुना करती रही। मजबूरन उन्हें इस तरह का रुख अख्तियार करना पड़ा है।
प्रमुख माँगें –
1) कर्मचारियों को केंद्रीय एवं राजस्थान, झारखंड के कर्मचारियों के समान गृह किराया भत्ता(एचआरए) सातवें वेतनमान के आधार पर प्रदान किया जाए।
2) जन घोषणा पत्र क्रियान्वयन हेतु राज्य के समस्त कर्मचारियों को क्रमश: 8, 16, 24 एवं 30 वर्ष की सेवावधि उपरांत चार स्तरीय क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान प्रदान किया जाए।
3) समस्त विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी, कार्यभारित एवं संविदा कर्मचारियों को जन घोषणा पत्र में किए वादे के अनुरूप नियमित किया जाए।
4) पाँचवें एवं छठे वेतनमान के आधार पर देय चिकित्सा भत्ता, वाहन भत्ता, अनुसूचित क्षेत्र भत्ता सहित समस्त भत्तों को सातवें वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित किया जाए।