सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति के खिलाफ तमाम समूहों को जोड़ेगा लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान

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15 जुलाई। लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान की राष्ट्रीय स्तर की समीक्षा सह दिशाचिंतन बैठक 6 से 8 जुलाई 2023 तक पालमपुर के कंडबाड़ी स्थित संभावना केन्द्र में हुई। इसमें आनन्द कुमार (गोवा) , अनन्ता (ओड़िशा), अशोक कुमार सोमल (हिमाचल प्रदेश), कारू (बिहार), किरण (झारखंड), कुमकुम भारद्वाज (बिहार), गौतम कुमार (बिहार), ज्योति (महाराष्ट्र), दीपक ढोलकिया (दिल्ली), मणिमाला (दिल्ली), मंथन (झारखंड), मीनाक्षी सखी (उत्तरप्रदेश/दिल्ली), रणधीर गौतम (ग्वालियर), राकेश रफीक (उत्तरप्रदेश/दिल्ली), सुशील कुमार (बिहार), ज्ञानेन्द्र कुमार (महाराष्ट्र) शामिल रहे। झारखंड और बंगाल से घनश्याम और आशुतोष, उत्तरप्रदेश से आलोक, दिनेश प्रियमन और दो अन्य साथी, महाराष्ट्र से संध्या एदलाबादकर एवं ईश्वर अहिरे का ट्रेन टिकट था, किन्तु वे आकस्मिक व्यस्तताओं के कारण नहीं आ सके। दीपक ढोलकिया आई कैन समूह से तथा अशोक कुमार सोमल भारत जोड़ो अभियान से जुड़े हुए हैं ।

सबसे पहले लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के 9-10 महीनों की कर्मयात्रा की समीक्षा हुई। इस समीक्षा में कई बातें आयीं। संगठनात्मक सुझावों के अलावा इस पर आम सहमति बनी कि सर्व सेवा संघ बनारस के ध्वस्तीकरण के खिलाफ व्यापक प्रतिरोध हमारा तात्कालिक संघर्ष होना चाहिए। राजनीतिक दलों पर इस मुद्दे पर दबाव बनाना चाहिए। रोजगार के मसले पर अभियान बनाना चाहिए। समर्थकों, सहयोगियों और आर्थिक अंशदानियों की पूरी सूची बनायी जाय। सहमना समूहों और अभियानों से सम्पर्क के लिए टास्कफोर्स बने। पूर्वोत्तर में एक अध्ययन मंडल भेजा जाय। दिल्ली इकाई को एक स्वरूप दिया जाय। राष्ट्रीय स्तर की कमिटी को सक्रिय किया जाय। सीनियर लोगों की जगह सक्रिय लोगों की कमिटी बनायी जाय। सक्रिय राज्यों में अभियान को नीचे तक ले जाने के लिए 5 लोगों को जिम्मा दिया जाय।

लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान सभी समूहों, संगठनों , पार्टियों से व्यापक संवाद चलाए। भारत जोड़ो अभियान आदि के साथ समन्वय कर बड़ी शक्ति बनाएं।

लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान ने सर्व सेवा संघ परिसर बनारस के बारे में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जो इस प्रकार है –

सरकार ने पहले तो राजघाट वाराणसी स्थित भारतीय विद्या संस्थान पर कब्जा कर लिया और बिना किसी विचार विमर्श के इसे इंदिरा गांंधी राष्ट्रीय कला केंद्र को सौंप दिया । इसके चारों ओर दीवार बनाकर घेर लिया। इस सरकारी अवैध कब्जे के खिलाफ लोकसेवकों सहित स्थानीय और देेश भर के नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सत्याग्रह शुरू कर दिया है। इसी बीच पूरे सर्व सेवा संघ पर कब्जा करने की कवायद शुरू कर दी गयी। परिसर और उसमें स्थित सभी इमारतों को अवैध अतिक्रमण बताकर उसे खाली करने और बुलडोज करने की नोटिस चस्पा कर दी गई। गांधी-जेपी की इस राष्ट्रीय विरासत पर सरकारी कब्जे की कोशिशों का हम विरोध करते हैं और गांधी-जेपी विरासत बचाओ अभियान के साथ संघर्ष में खड़े हैं।

समान नागरी संहिता की बाबत पारित प्रस्ताव के बारे में कहा गया है कि “यह मुस्लिम विरोधी साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की भाजपाई चाल है। किसी भी समुदाय को ज़लील करने के मकसद से लाए जा रहे किसी कानूनी कदम का समर्थन नहीं किया जा सकता। नागरिकों को असमान, दोयम बनानेवाली हिन्दू राष्ट्र की बात करनेवाली भाजपा समान नागरिक संहिता की बात करने का नैतिक हक नहीं रखती। वह इसमें समर्थ ही नहीं है। पहले भाजपा यूसीसी के प्रावधानों का प्रारूप पेश करे, तब उस पर मंतव्य देने या न देने का निर्णय लिया जाएगा।”

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