सर्व सेवा संघ प्रकरण पर लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान ने की ऑनलाइन मीटिंग

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Sarva Seva Sangh

19 जुलाई। लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान की पहल पर गांधीजनों की एक आनलाइन मीटिंग हुई। संदर्भ यह था कि सर्व सेवा संघ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे नहीं दिया, इसके बजाय सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में जाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश प्रक्रिया का तकाजा है या उसे स्टे देने के साथ निचली अदालत में जाने का निर्देश देना चाहिए था इस बारे में तो विधि विशेषज्ञ ही बता सकते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते सर्व सेवा संघ परिसर पर रेलवे की तरफ से ध्वस्तीकरण की तलवार हर वक्त लटक रही है।

दूसरी ओर परिसर में दो माह से चल रहा सविनय अवज्ञा सत्याग्रह जारी है।

इन हालात में गांधीजनों की भूमिका क्या हो, इस पर विचार करने के लिए लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान की ओर से हुई आनलाइन मीटिंग में शामिल सहभागियों के नाम इस प्रकार हैं : (कुछ नाम छूटे हो सकते हैं) –

रामशरण, राहुल, मीनाक्षी, मंथन, चंदन पाल, असित सिन्हा, विरेन्द्र कुमार, रूपक कुमार, नूतन मालवी, नूतन, ज्ञानेन्द्र कुमार, शाहिद कमाल, रीता, कुमकुम, जगदीप छोकर, अरविन्द अंजुम, कुमार दिलीप, अल्पना भारती, अशोक उन्नाव, आनन्द कुमार, कृष्णशेखर, मणिमाला, दिनेश प्रियमन, महेन्द्र तारनेकर, राहुल चन्दना, आशु सक्सेना, मंसूर पटेल, वन्दना सिंह, जगनारायण जगत, प्रतिभा नाथ, कौशल गणेश आजाद, रमाकांत पाठक, जागृति राही, विभूति विक्रम, सुशील कुमार, रामधीरज, अविनाश काकड़े।

अभी की जो स्थिति है उसमें यह आशंका है कि कभी भी प्रशासन खाली कराने, बुलडोजर चलाने आ सकता है। लेकिन भय या घबराहट नहीं है। निचली अदालत में स्टे के लिए अपील की तैयारी चल रही है। देश भर के सामाजिक और राजनैतिक नेतृत्व को परिसर में आने के लिए सम्पर्क किया जा रहा है।

लोगों से परिसर सत्याग्रह के नेतृत्वकर्ताओं की अपेक्षा

आनन्द कुमार और रामधीरज ने बैठक के सहभागियों से कुछ अपेक्षाएं जाहिर कीं। उसे तीन बिन्दुओं में रखा जा सकता है-

1. लोग जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा की संख्या में सर्व सेवा संघ परिसर पहुंचें।

2. जो नहीं आ सकते, वे अपने यहां इस प्रश्न पर सार्वजनिक विरोध, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन, सांसद से इस मुद्दे को संसद में उठाने के लिए सम्पर्क जैसे काम करें

3. अपनी शक्ति भर सत्याग्रह और कानूनी लड़ाई के लिए आर्थिक सहयोग करें।

सहभागियों के विविध सुझाव

# संसद में मामला उठाने के लिए गैरभाजपा सांसदों से सम्पर्क किया जाय।

# इस मुद्दे पर जगह जगह हस्ताक्षर अभियान चलाया जाए।

# राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दें।

# 9-10अगस्त, 2023 के बनारस सम्मेलन में अवश्य आएं।

# सर्व सेवा संघ की कार्यकारिणी के सारे लोग बनारस में आकर सत्याग्रह मे रहें ।

# देश के पर्यावरणवादियों से बनारस के राजघाट क्षेत्र में बन रहे पर्यावरण नाशी महत्वाकांक्षी योजना के विरोध में आवाज उठाने की अपील की जाए।

# नाविकों और मछुआरों की समस्या को भी उठाया जाय।

# इस विषय को बनारस, उत्तर प्रदेश और पूरे देश के संसदीय चुनाव का राजनीतिक मुद्दा बनाया जाय। गांधी विरासत ध्वस्त कर रहे मोदी और भाजपा को हर मोर्चे, हर क्षेत्र में नकार दें – ऐसे अर्थ के नैरेटिवों की मुहिम बने।

# 2 अक्तूबर 2023 को इस पर दिल्ली में एक बड़ा कार्यक्रम किया जाय।

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