पचास से अधिक लेखकों ने मणिपुर को लेकर चिंता जताई

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22 जुलाई। मध्यप्रदेश के मंडला में पद्मविभूषण से सम्मानित विश्वप्रसिद्ध चित्रकार रज़ा स्मृति समारोह में भाग लेने आये 50 से अधिक लेखकों ने मणिपुर में जारी हिंसा विशेषकर स्त्रियों के खिलाफ बर्बरता की तीखी भर्त्सना की है और इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है।

रजा फाउंडेशन द्वारा आयोजित पांच दिवसीय समारोह के दूसरे दिन प्रख्यात कवि एवं संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने मणिपुर की हिंसा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पढ़ते हुए गहरी चिंता व्यक्त की और कवि समुदाय की ओर से शोक व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि मणिपुर में कुछ दिनों से भयानक हिंसा जारी है और स्त्रियों को नंगा कर घुमाने और उनसे बलात्कार करने की घटनाएं हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह हिंसा केवल दो समुदाय के बीच हिंसा नहीं है बल्कि राज्य द्वारा प्रायोजित हिंसा भी है। इसमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब दो माह बाद मुंह खोला तो उन्होंने मणिपुर की हिंसा की निंदा करने की बजाय राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुई हिंसा से उसकी तुलना की।

इस अवसर पर सभागार में उपस्थित लेखकों ने इस हिंसा में मारे गए लोगों की स्मृति में एक मिनट का मौन रखा।
सभागार में वरिष्ठ कवि ऋतुराज, प्रयाग शुक्ल, ओम थानवी, सतीश जायसवाल, विष्णु नागर, विजय कुमार, लीलाधर मंडलोई, मदन सोनी, ध्रुव शुक्ल, उदयन वाजपेयी, अपूर्वानंद, ज्योतिष जोशी, सविता सिंह, सुशीला पुरी, असंग घोष, अखिलेश, राजेन्द्र उपाध्याय, गीत चतुर्वेदी आदि शामिल थे।

समारोह में कई कवियों ने समाज मे फैल रही हिंसा, साम्प्रदायिकता और नफरत के खिलाफ कविताएं भी सुनाईं और एक धर्मनिरपेक्ष शांतिप्रिय राष्ट्र के निर्माण की कामना की।


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