25 जुलाई। उप्र का पूर्वांचल भीषण सूखे की चपेट में है। भले ही बहुतों को इस बात का अंदाजा न हो, लेकिन स्थिति बहुत भयावह होने वाली है। बस्ती और संतकबीरनगर जैसे जिलों में बादल उमड़-घुमड़ कर लौट जा रहे हैं। बादलों की बेरुखी ने किसानों की उम्मीदें तोड़ दी हैं। किसान और निराश और चिंतित हैं। खेत सूख गए हैं। रोपी जा चुकी धान की फसल झुलस रही है, अन्य फसलों पर इसका असर पड़ने के आसार हैं। प्रदेश में अभी तक पश्चिमी यूपी में मानसून की सक्रियता ज्यादा देखने को मिली है।
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के 75 में से 31 जिले कम बारिश का खमियाजा भुगत रहे हैं। इस साल बारिश में 46 फीसदी की कमी आई है, क्योंकि राज्य के पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य यूपी और बुंदेलखंड में सूखे की स्थितियां बनी हुई हैं। पूर्वांचल और अवध का इलाका बारिश की कमी से जूझ रहा है। चंदौली जिले में सबसे कम बारिश हुई। वहीं पूर्वांचल के कुशीनगर, मीरजापुर, देवरिया, बस्ती, मऊ, चंदौली, पीलीभीत और कुशीनगर आदि जिलों में बीते जून से अभी तक 40 फीसद से भी कम बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा सीतापुर, महराजगंज, गाजियाबाद, संत कबीर नगर, रायबरेली, गौतमबुद्ध नगर, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, प्रयागराज और कौशाम्बी में 40 से 60 फीसद बारिश दर्ज हुई है।
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