31 जुलाई। पिछले सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किए गए आँकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019 से 2021 के बीच देश में 13.13 लाख से अधिक लड़कियां और महिलाएं लापता हो गईं, जिनमें सबसे अधिक लगभग दो लाख मध्य प्रदेश से थीं, उसके बाद पश्चिम बंगाल से। मध्य प्रदेश में वर्ष 2019 से 2021 के बीच 1,60,180 महिलाएं और 38,234 लड़कियां लापता हो गईं, जबकि इसी अवधि में पश्चिम बंगाल से कुल 1,56,905 महिलाएं और 36,606 लड़कियां लापता हो गईं। महाराष्ट्र में उक्त अवधि में 1,78,400 महिलाएं और 13,033 लड़कियां लापता हो गईं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी में वर्ष 2019 से 2021 के बीच 61,054 महिलाएं और 22,919 लड़कियां लापता हो गईं, जबकि जम्मू और कश्मीर में उक्त अवधि में 8,617 महिलाएं और 1,148 लड़कियां लापता हो गईं।
सरकार ने संसद मे यह भी बताया, कि उसने देश भर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई पहल की हैं, जिसमें यौन अपराधों के खिलाफ प्रभावी रोकथाम के लिए आपराधिक कानून(संशोधन) अधिनियम-2013 भी शामिल है। इसके अलावा आपराधिक कानून(संशोधन) अधिनियम-2018 में 12 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के बलात्कार के लिए मौत की सजा सहित और अन्य कठोर दंड प्रावधान किये गए हैं। इस अधिनियम में बलात्कार के मामलों में दो महीने में जाँच पूरी करके और आरोप पत्र दाखिल करके और अगले दो महीने में सुनवाई पूरी करने का भी आदेश दिया गया है। स्मार्ट पुलिसिंग और सुरक्षा प्रबंधन में सहायता के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए पहले चरण में आठ शहरों यथा अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई में सुरक्षित शहर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।