26 अगस्त। केरल के दक्षिणी जिले की दो सुदूर बस्तियों में रहने योग्य भूमि की माँग को लेकर भूमिहीन गरीबों का लगभग दो दशक लंबा आंदोलन राज्य सरकार द्वारा वहां के पात्र निवासियों को जमीन का मालिकाना हक सौंपने के साथ समाप्त हो गया है। राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री के राधाकृष्णन ने बृहस्पतिवार को विथुरा तथा कुट्टीचल ग्राम पंचायतों की चेट्टाचल व पंगावु बस्तियों के 128 परिवारों को जमीन का मालिकाना हक सौंपा। राधाकृष्णन ने कहा, कि यह हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसके पास जमीन का एक टुकड़ा और एक छत हो।
उन्होंने कहा, ”हमारे समाज में कई लोग यहाँ मौजूद सामाजिक परिस्थितियों के कारण इस सपने को साकार करने में असमर्थ थे। वर्तमान सरकार अब हाशिए पर रहनेवाले समुदायों के लिए भूमि और मकान सहित कल्याणकारी योजनाओं को लागू कर रही है।” चेट्टाचल के भूमिहीन परिवारों को जमीन का मालिकाना हक सौंपे जाने के बाद प्रदर्शन समाप्त हो गया। 2003 से जारी इस प्रदर्शन को चेट्टाचल भूमि संघर्ष के रूप में जाना जाता है। कानूनी बाधाओं ने जिला प्रशासन को अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों को जमीन सौंपने से रोक दिया था। हालांकि, मंत्री द्वारा बुलाई गई विभिन्न बैठकों के माध्यम से इसे हल किया गया।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.