इंदौर में दलित, आदिवासी और अन्य भूमिहीन खेत मजदूरों, किसानों के आवास व खेती पर संकट

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2 अगस्त। भारी बारिश में भी सैकड़ों आदिवासी, मजदूर, किसानों ने इंदौर कलेक्टर ऑफिस पर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष तथा इंदौर कलेक्टर के नाम शिकायतों एवं माँगों का ज्ञापन अनु विभागीय अधिकारी अजीत श्रीवास्तव को सौंपा। गौरतलब है, कि इंदौर जिले के वन क्षेत्र इंदौर महू राऊ में लंबे समय से रहने वाले दलित, आदिवासी और अन्य भूमिहीन खेत मजदूर किसानों के आवास और खेती पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

वर्षों पुराने मौके पर कब्जा अनुसार सीमांकन कर वन अधिकार पत्र और पूर्व में दलित आदिवासियों में बांटे गए राजस्व भूमि के पट्टों में की गई गंभीर त्रुटियों को दुरुस्त करने और जिले की वनभूमि एवं राजस्व विभाग के आपसी विवाद को दूर कर क्षेत्र के ग्रामीणों को वर्षों से चली आ रही परेशानी से राहत दिलाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। आंदोलन स्थल पर हुई सभा को किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों के संघर्ष के उपरांत आदिवासियों को वनाधिकार कानून का लाभ मिला है, जिसे वह छोड़ेगा नहीं।

वनाधिकार पत्र वितरण में की गई त्रुटियों को दुरुस्त किए बगैर उनकी समस्या का निराकरण नहीं होगा। भाजपा सरकार द्वारा निकाली जा रही विकास यात्राओं से उसे जमीनी स्तर पर अपना झूठ बेनकाब होता दिख रहा है। प्रदर्शनकारियों ने 10 दिनों में उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किए जाने पर जिलाधीश कार्यालय पर सीधी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। सभा को काशीराम नायक, अर्जुन बारिय, केसर सिंह मालवीय, शंकर लाल मालवीय, धर्मेंदर डाबर, भादर सिंह कटारे ने संबोधित किया।

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