11 अगस्त। मधु दंडवते जन्मशताब्दी के अवसर पर रामजतन यादव इंटर कॉलेज, भटहट, गोरखपुर में राष्ट्र सेवा दल द्वारा 11 अगस्त से 15 अगस्त तक युवा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर में इंटर कॉलेज, भटहट के 60 छात्र और 40 छात्राएँ प्रशिक्षणार्थी के तौर पर शामिल हैं।
मधु दंडवते जन्म शताब्दी समारोह समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि मेरा मकसद अगले दो वर्षों में 200 ऐसे युवाओं को तैयार करना है जो संवैधानिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करें। हर तरह के अन्याय, अत्याचार, भ्रष्टाचार, भेदभाव का विरोध करें।
शिविर कके उदघाटन और ध्वजारोहण के बाद जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय की नेता मेधा पाटकर ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि मधु दंडवते जी बाबा साहेब अम्बेडकर के सिद्धार्थ कॉलेज में 25 वर्ष भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर थे। उन्होंने कोंकण रेलवे का निर्माण किया, रेलवे में तीसरे दर्जे को खत्म कर गद्दीदार सीट लगवाने का काम किया।
श्रमदान जरूरी है, राष्ट्र की सेवा राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप को व्हाट्स डाउन बनाने की जरूरत है। बाबा आमटे के द्वारा किए गए कार्यों का मेधा जी ने विस्तृत उल्लेख किया।
देश के धरातल पर जो चल रहा है, उसको जानना जरूरी है ताकि न केवल दुख दर्द को महसूस किया जा सके, गैरबराबरी को समझा जा सके बल्कि साथ साथ जरूरी परिवर्तन भी किया जा सके ताकि इंसानियत को बचाया और पुनर्स्थापित किया जा सके।
गरीब बस्तियों को उजाड़ना अपराध है। हमारा विचार है ‘घर बचाओ, घर बनाओ’। हम गरीबों और किसानों को उजाड़े जाने के खिलाफ हैं। हम हर तरह की हिंसा के खिलाफ हैं। हम सभी धर्मों को समान मानते हैं। उन्होंने नारे लगवाए ‘हिंदू , मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में हैं बहन, भाई’, ‘सभी मानव एक हैं’।
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि नफरत फैलाने वाले असल में चुनावी राजनीति करते हैं। वोट लेने के लिए नफरत फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि खून ग्रुप को मैच कर चढ़ाया जाता है, जाति और धर्म के आधार पर ।मेधा जी ने मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने, बलात्कार किए जाने, जातीय हिंसा, गिरजाघरों पर हमलों की विस्तृत जानकारी देकर कहा, हमें देश को मणिपुर नहीं बनने देना है।
उदघाटन सत्र को वर्धा विश्वविद्यालय के उपकुलपति चितरंजन मिश्र, किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुनीलम, मोतीलाल मेमोरियल सोसायटी के महासचिव राजेश सिंह, पर्यावरणविद धर्मव्रत तिवारी, समाजवादी अश्विनी पांडेय ने संबोधित किया।
डा सुनीलम ने कहा कि जाति, धर्म, लिंग, रंग आधारित भेदभाव खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा अविश्वास, अज्ञानता से नफरत पैदा होती है जो समाज में तनाव, टकराव और हिंसा पैदा करती है। उन्होंने बताया 15 अगस्त को देश भर में एक लाख हिंदू मुसलमान और दलित सवर्ण एक दूसरे के घर जाकर ‘मेरे घर आकर तो देखो’ अभियान में शामिल होंगे। यह अभियान 30 जनवरी तक चलेगा। इस अभियान के तहत छात्र-छात्राएं एक दूसरे के घर जाकर एक दूसरे के धर्म, संस्कृति, खानपान, पहनावे, संगीत को समझने का प्रयास करेंगे। फिर सामूहिक फोटो अपलोड करेंगे।
– संजय श्रीवास्तव
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
















