13 अगस्त। वाराणसी प्रशासन द्वारा राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ साधना केंद्र को ध्वस्त करने के विरोध में रविवार को आदर्श ग्राम नागेपुर में गांधीवादियों ने लोक समिति कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों के साथ मुंह पर काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन किया।
गांव के लोक समिति आश्रम से अम्बेडकर पार्क तक सैकड़ों की संख्या में आए लोगों ने प्रशासन और सरकार की मनमानी के खिलाफ मुंह पर काली पट्टी बांध कर रैली निकालकर काला दिवस मनाया। धरने में लोगों ने हाथ में “क्षुब्ध हृदय है बंद” जुबान लिखी तख्तियां लेकर सर्व सेवा संघ पर अवैध कब्जा बंद करो, गांधी विचार पर हमला नहीं सहेंगे, महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण, विनोबा भावे अमर रहें के नारे लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।
गांधी-जेपी विरासत बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रामधीरज भाई ने बताया कि 12 अगस्त, शनिवार को सरकार ने सर्व सेवा संघ की ऐतिहासिक इमारत को बुलडोज कर दिया। मुगल काल और ब्रिटिश काल में इक्के-दुक्के उदाहरण मिलते हैं, जब बादशाहों, नवाबों, अंग्रेज अधिकारियों ने हुकूमत का विरोध करने वालों के घरों को नष्ट कर दिया। जमींदारों और राजाओं की रियासतों को छीन लिया था। लेकिन आजाद भारत में भारत को आजाद कराने वालों के घरों को, समाज निर्माण में लगी संस्थाओं को भी गिरा दिया जाएगा, यह मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था।
धरने का नेतृत्व कर रहे लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि इस घटना से यह साफ हो गया है कि पहले इन लोगों ने गांधी को गोली मारी थी, अब गांधी विचार को नष्ट करना चाहते हैं। लेकिन गांधी विचार मरेगा नहीं, हम ऐसे 100 केंद्र खड़े करेंगे। किताबें फिर से छापेंगे, लाइब्रेरी बनाएंगे। जनता के बीच जाएंगे और सच्चाई बताएंगे, लोकतंत्र के लिए लड़ेंगे।
ग्राम प्रधान मुकेश कुमार ने कहा कि सरकार अब इस जमीन को जबरदस्ती हड़पना चाहती है। जब तक सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती, हम इस धरोहर को बचाने के लिए इसी तरह विरोध करते रहेंगे।
धरने में नन्दलाल मास्टर, मुकेश प्रधान, रामधीरज भाई, जागृति राही, अनूप श्रमिक, शर्मिला, उर्मिला, महेंद्र राठौर, विनोद, ईश्वरचंद त्रिपाठी, अमित, राजेश सिंह, प्रियंका, रचना, वंदना अनीता, सोनी, श्यामसुंदर, पंचमुखी, रामवचन, शिवकुमार, सरोज, मधुबाला, अरविन्द, संजू तारा, बाबा, प्रमिला, सीता, तारा समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए। धरने की अध्यक्षता मुकेश प्रधान ने की और संचालन नन्दलाल मास्टर ने किया।