17 अगस्त। सर्व सेवा संघ परिसर राजघाट वाराणसी के ध्वस्तीकरण के बाद वाराणसी जिला प्रशासन ने गांधी, विनोबा, जयप्रकाश के विचारों से जुड़े करोड़ों रुपए के साहित्य को बाहर फेंक दिया था, जिसकी वजह से पांच लाख से ज्यादा किताबें बारिश के दिनों में बुरी तरह से खराब हो रही थीं। जिला प्रशासन ने आंदोलनकारियों के दबाव में इन किताबों को वाराणसी के नागेपुर स्थित लोक समिति परिसर और पास के खेतों में सरकारी कूड़ागाड़ी में कूड़े की तरह लादकर कूड़े की तरह फिंकवा दिया जिसकी वजह से ये किताबें बारिश में भीगकर खराब होने लगी थीं। यह देख लोक समिति के कार्यकर्ता और आशा स्कूल के बच्चे तथा बनारस के अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ स्थानीय गांव के लोग मिलकर इन किताबों को बचाने में जुट गए हैं।

पहले एक एक किताब को किसी तरीके से बंद कमरे में रखा गया, अब इन किताबों को सहेज कर कार्टून में पैक करके अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षित रखा जा रहा है। सर्व सेवा संघ प्रकाशन ने करीब 15 सौ टाइटल की किताबें प्रकाशित की हैं। इन किताबों के माध्यम से देशभर में गांधी, विनोबा और जयप्रकाश नारायण तथा देश के अन्य संत महापुरुषों के विचार, व आध्यात्मिक साहित्य को प्रचारित व प्रसारित किया जाता रहा है।
जिला प्रशासन ने सरकार के इशारे पर न केवल सर्व सेवा संघ परिसर पर बुलडोजर चलाकर गांधी आश्रम को नष्ट किया बल्कि इन साहित्य को बर्बाद कर गांधी विचार को भी मारने की नाकाम कोशिश की गई। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किताबों के अलावा गांधी और विनोबा के जीवन से जुड़े अमूल्य दस्तावेज और पांडुलिपि के साथ-साथ सर्व सेवा संघ के आफिस सम्बन्धित दस्तावेज भी नष्ट किये गए हैं। लेकिन हम सभी का संकल्प है कि हम किसी भी कीमत पर गांधी विचार को खत्म होने नहीं देंगे और इन किताबों को सहेज कर रखेंगे।
– नन्दलाल मास्टर
संयोजक : लोक समिति, वाराणसी
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