— विमल कुमार —
हनुमान – प्रभु ! क्या आपने इस बार “हमराही” रैंकिंग में अपना नाम देखा है?
राम – यह हमराही रैंकिंग क्या है?
हनुमान – प्रभु यह राही रैंकिंग की तर्ज पर बनाया गया है। पहले आप देख लीजिए उस रैंकिंग में आप अपने नाम के पोजीशन से संतुष्ट हैं या नहीं।
राम – आखिर हम देवताओं की भी कोई रैंकिंग होती है यह तो मुझे आज पता चला।
हनुमान – यह रैंकिंग इसलिए निकाली गई है ताकि दुनिया में पता चले कि पहले राम हैं या मोहम्मद पैगंबर या ईसा मसीह या गुरु नानक आदि आदि।
राम – लेकिन हनुमान हम सब तो एक ही हैं। एक ही खुदा के बंदे हैं। हमारा तो एक ही मालिक है।
हनुमान – यही तो झगड़ा है प्रभु! पूरी दुनिया में झगड़ा इस बात को लेकर है कि आप लोग एक मालिक के बंदे हैं या नहीं हैं, बल्कि धर्मों के हिसाब से अलग-अलग हैं और इसलिए इतने दंगे फसाद होते रहते हैं।
देखते नहीं प्रभु! आपके नाम पर किस तरह राजनीति हो रही है। इसलिए मैं आपसे गुजारिश करता हूँ कि पहले आप रैंकिंग में अपना नाम देख लीजिए। अगर रैंकिंग में आपका नाम नंबर एक पर नहीं है तो हो सकता है मामला सुप्रीम कोर्ट में जाए। बीजेपी वाले इस बात को 2024 का चुनावी मुद्दा भी बना सकते हैं और इस बात पर चुनाव जीता जा सकता है कि “हमराही” रैंकिंग में आपका नाम नंबर एक पर क्यों नहीं है?
राम – हनुमान पहले यह बताओ क्या जानकी का भी रैंकिंग में नाम होगा?
हनुमान – हमराही वाले महिला देवताओं की अलग रैंकिंग निकालेंगे। अभी पुरुषों की रैंकिंग निकली है।
राम – हनुमान या बताओ क्या जातिगत रैंकिंग भी निकलेगी।
हनुमान – अभी हम कुछ नहीं कह सकते। अभी तो कुहराम राही रैंकिंग पर मचा है। यह हर साल निकलती है और इस रैंकिंग में जो सबसे ऊपर रहता है उसको बड़ा लेखक माना जाता है। हमराही रैंकिंग, राही रैंकिंग के जवाब में निकाली जा रही है जिसमें दुनिया भर के देवताओं की रैंकिंग होगी।
राम – हनुमान! मुझे किसी रैंकिंग में भाग नहीं लेना है। रैंकिंग जाए भाड़ में। तुम हमराही वालों से बोल दो – मर्यादा पुरुषोत्तम राम किसी रैंकिंग में भाग नहीं लेते और अगर उन्होंने रैंकिंग में मेरा नाम डाल दिया तो मैं उनके खिलाफ मुकदमा कर दूॅंगा।
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