मध्यप्रदेश के हजारों चयनित पटवारियों ने की युवा हल्ला बोल के डिजिटल मंच पर महापंचायत

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15 सितंबर। शुक्रवार को मध्यप्रदेश के चयनित पटवारियों ने युवा हल्ला बोल के फेसबुक पेज पर हजारों की तादाद में फेसबुक लाइव के माध्यम से जुड़ कर महापंचायत की। जिसमें चयनित पटवारी ने प्रस्ताव पेश किया कि मध्यप्रदेश सरकार 19 सितंबर तक चयनित पटवारियों की नियुक्ति के लिए निर्णायक कदम उठाए और 3 सितंबर के आंदोलन में दर्ज हुए मुकदमे वापस ले। यदि 19 तारीख तक चयनित पटवारियों की मांगों को लेकर सरकार कोई निर्णायक कदम नहीं उठाती है तो हम सब भोपाल में एकत्रित होकर आमरण अनशन करेंगे।

इसी के साथ कई चयनित पटवारियों ने अपनी दर्द भरी दास्तान इस महापंचायत में रखी और सरकार से उन्हें नियुक्ति देने की गुहार लगाई। सभी चयनित पटवारियों का कहना है कि उन्होंने पूरी ईमानदारी से परीक्षा पास की है। सरकार चाहे तो शपथ पत्र ले ले लेकिन हमारी नियुक्ति रोक कर हमारे भविष्य से ना खेले।

इस महापंचायत को संबोधित करते हुए युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि भारत देश में आज हर भर्ती का भरता बना दिया जाता है। मध्यप्रदेश के चयनित पटवारियों से अनुपम ने कहा कि अन्याय के खिलाफ लड़ाई में या तो व्यक्ति डर जाता है, या थक जाता है या जीत जाता है। आप डरना मत और थकना मत। अगर आप डरे नहीं और थके नहीं तो अपने हक की लड़ाई जरूर जीतेंगे। युवा हल्ला बोल देश के हर युवा के हक की लड़ाई लड़ रहा है हम आपकी लड़ाई में भी आपके साथ पूरी ताकत से खड़े हैं।

चयनित पटवारी द्वारा पेश किये गए प्रस्ताव पर महापंचायत का नेतृत्व कर रहे युवा हल्ला बोल मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुणोदय सिंह परमार ने स्वीकृति प्रदान की और सभी अभ्यर्थियों के हक की लड़ाई लड़ने की बात कही।

अरुणोदय ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को डिजिटल महापंचायत में आमंत्रित किया था लेकिन वो नहीं आए। उन्होंने चयनित पटवारियों की पीड़ा को अनदेखा कर दिया लेकिन हमने प्रस्ताव पास करके यह संकल्प लिया है कि यदि सरकार 19 सितंबर तक चयनित पटवारियों की नियुक्ति की दिशा में निर्णायक कदम नहीं उठाती है और मुकदमे वापस नहीं लेती है तो हम आने वाले दिनों में हजारों की संख्या में भोपाल पहुँच कर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। भाजपा की डबल इंजन की सरकार युवाओं को डबल धोखा दे रही है। आज प्रदेश के ज्यादातर युवाओं को पहले परीक्षा में चयन लेना पड़ता है और उसके बाद अपनी नियुक्ति के लिए आंदोलन करना पड़ता है। शिवराज सरकार में चयनित प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को ही नौकरी नहीं मिल रही है। आप इससे प्रदेश में बेरोजगारी का अंदाजा लगा सकते हैं।

*क्या है चयनित पटवारियों की मांग?*

चयनित पटवारी अभ्यर्थियों की मांग है कि उप्र उपनिरीक्षक और मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 के उदाहरण अनुसार जांच के साथ समानांतर रूप से नियुक्ति प्रक्रिया चलाई जाए। यदि कोई दोषी पाया जाए तो उसे चिह्नित करके उन पर कार्रवाई की जाए और उसके स्थान पर प्रतीक्षा सूची में स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए। सभी नवनियुक्त अभ्यर्थियों से शपथ पत्र लिया जाए जिसमें दोषी पाए जाने पर दण्डात्मक कार्रवाई भुगतने की सहमति का प्रावधान हो।
उन्होंने कहा कि ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 और पटवारी भर्ती परीक्षा की नियम पुस्तिका के बिंदु 13(3) के अनुसार परिणाम के प्रकाशन से लेकर 90 दिनों की अवधि में नियुक्ति देने के प्रावधान पर विचार करते हुए सितंबर माह में नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाए।

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