5 जून। खिरिया बाग किसान, मजदूर आंदोलन की दलित महिलाओं के साथ उत्पीड़न और फर्जी मुकदमे को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के निर्देश पर सीओसीटी नगर आजमगढ़ कार्यालय में बयान दर्ज हुआ। खिरिया बाग आंदोलन और पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव ने मीडिया के हवाले से बताया, कि सर्वे के नाम पर 12, 13 अक्तूबर 2022 के दिन और रात में जमुआ हरिराम की दलित बस्ती की महिलाओं के ऊपर हुए उत्पीड़न, किसान नेता राजीव यादव और अधिवक्ता विनोद यादव के अपहरणकर्ताओं के खिलाफ मुकदमे की माँग कर रहे खिरिया बाग के किसानों, मजदूरों पर दर्ज फर्जी एफआईआर, पुलिसकर्मियों द्वारा महिला विरोधी टिप्पणी और अभद्रता जैसे आरोपों को लेकर आई जाँच के संबंध में बयान दर्ज हुआ।
खिरिया बाग आंदोलन की नीलम का बयान दर्ज हुआ, और हमारी माँग है, कि आयोग टीम बनाकर जमुआ हरिराम गाँव की उन सभी दलित महिलाओं का बयान दर्ज करे जिनका उत्पीड़न हुआ। उन्होंने आगे कहा, कि खिरिया बाग में पिछले 8 महीने और अंडिका बाग में दो महीने से ज्यादा समय से महिलाएं अपनी जमीन, मकान बचाने के लिए इस तपती धूप में धरने पर बैठने को विवश हैं। यह मानवाधिकार का गंभीर मसला है जिसकी तरफ जिला प्रशासन ध्यान न देकर फर्जी एफआईआर कर आंदोलन को दबाना चाहता है। आजमगढ़ जिला प्रशासन से लगातार जमुआ हरिराम में दलित महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न के दोषी राजस्वकर्मी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की गई। जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई न करना साफ किया, कि यह सब उसी की शह पर हो रहा था। जिस सवाल को जिले के प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया उसको राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लिया।
(‘जनज्वार’ से साभार)