5 जून। ओड़िशा के बालासोर में हुए भयावह ट्रेन हादसे से पूरा देश स्तब्ध है। इस भयानक हादसे के बाद अब रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। भारत के नियंत्रक और महा लेखा परीक्षक की ‘परफॉरमेंस ऑडिट एंड डिरेलमेंट इन इंडियन रेलवे’ नामक एक रिपोर्ट बीते दिसंबर 2022 को संसद में पेश की गयी थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 75 फीसदी दुर्घटनाओं की मुख्य वजह रेल पटरियों के रखरखाव और पैसे की कमी है। नियंत्रक और महा लेखा परीक्षक की रिपोर्ट में आगे बताया गया कि वर्ष 2017 से वर्ष 2021 के बीच देश भर में हुई 217 रेल दुर्घटनाओं में से प्रत्येक चार में से लगभग तीन, ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुईं। तेज रफ्तार के कारण भी कई हादसे हो चुके हैं।
कैग ने आगे बताया कि ट्रेनों के पटरी से उतरने के मुख्य कारणों में से एक, पटरियों का सही रखरखाव न होना है। साथ ही यह भी बताया गया कि पटरियों के नवीनीकरण यानी उन्हें बदलने के लिए उपलब्ध कराए जानेवाले फंड में हाल के वर्षों में कटौती की गई है, और जो पैसा दिया भी गया है, उसे पूरी तरह इस्तेमाल नहीं किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे को पटरियों के नवीनीकरण या नई पटरियां बिछाए जाने के लिए दिए जानेवाले फंड में 2018-19 के 9,607.65 करोड़ के मुकाबले 2019-20 में कटौती की गई, और यह कम होकर 7,417 करोड़ रुपए रहा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है, कि कुल 1392 हादसों में से 1129 हादसों की रेलवे द्वारा की गई जाँच में सामने आया है कि इन हादसों में करीब 33.67 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।