25 सितंबर। 24 सितंबर रविवार को प्रधानमंत्री ने अपने “मन की बात” में कहा कि –
महात्मा गांधी की जयंती से एक दिन पूर्व 1 अक्टूबर को पूरे भारत में स्वच्छांजलि कार्यक्रम चलाया जाएगा। गांधीजी के प्रति राष्ट्र की यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। देशभर में 1 घंटे लोग स्वच्छता श्रमदान करेंगे।
लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने अपने ही संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गांधी की विरासत सर्व सेवा संघ को ध्वस्त कर दिया। जो गांधी विचार का सात दशक पुराना आश्रम और पुस्तक प्रकाशन केंद्र था। इस तरह की दोमुंही बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही कर सकते हैं।
सर्व सेवा संघ के राम धीरज भाई ने प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने देश से छुआछूत को मिटाने के लिए स्वच्छता का महामंत्र दिया था, वह वोट के लिए और किसी को अपमानित करने के लिए नहीं दिया था। दरअसल महात्मा गांधी का असली उद्देश्य तो भारत में सद्भाव, स्वालंबन, स्वदेशी और स्वराज की स्थापना करना था।
आगे उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को जब पूरी दुनिया में लोग गांधी जयंती के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मना रहे होंगे, प्रेम-शांति-सद्भाव और सबका पेट भरने की बात कर रहे होंगे तब भारत में शासन, सत्ता में बैठे लोग नफरत फैला रहे होंगे।
जिन लोगों ने, जिस पार्टी और संगठन ने देश की आजादी में कोई योगदान किया, वह आज देश पर राज कर रहे हैं। अपने को देशभक्त कह रहे हैं!
विविध धर्मो, भाषाओं, संस्कृतियों वाले देश में हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति का राग अलापना अलोकतांत्रिक और संघीय गणराज्य के लिए घातक है।
राम धीरज भाई ने जनता से अपील की है कि आज देश में जब राष्ट्रीय एकता को नष्ट किया जा रहा है तब ऐसे में देश के नौजवानों और सभी धर्मों के लोगों को आगे आना चाहिए और प्रेम से सबको गले लगाना चाहिए तथा राष्ट्रविरोधी भाजपा का बहिष्कार करना चाहिए।