अनूठे लोकतंत्र सेनानी और निष्ठावान कम्युनिस्ट कॉमरेड रणवीर नहीं रहे।जेपी आंदोलन के दौर तक उ प्र में देश की सबसे पुरानी कम्युनिस्ट पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी दिल्ली की रानी के साथ और सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन के विरुद्ध थी।आपातकाल में मौलिक अधिकारों का गला घोटने के बावजूद भाकपा इंदिरा गांधी की तानाशाह सरकार के साथ थी।तब से भाकपा सिकुड़ने भी लगी।माकपा और भाकपा (मा ले)के कई धड़े जेपी आंदोलन के साथ थे और इनके कई समर्पित कार्यकर्ता आपातकाल की तानाशाही के खिलाफ जेलों में भी रहे।
कॉमरेड रणवीर जेपी आंदोलन में सक्रिय थे।आपातकाल में जिस दिन गिरफ्तार हुए उसी दिन बीच गंगा से जनसंघ के नेता और जेपी की अपील पर बिहार विधानसभा की सदस्यता से सर्वप्रथम इस्तीफा देने वाले 5 विधायकों में एक लालमुनि चौबे गिरफ्तार हुए।चौबेजी के साथ नचिकेता था।चौबेजी हाथ छुड़ा कर गंगा की तरफ भागे तो बड़े शिकार के चक्कर में गिरफ्तार करने वाले उन्हें पकड़ने दौड़े और नचिकेता बच गया।
कॉमरेड रणवीर नचिकेता से साइकिल लेकर चले थे और भेलूपुर थाने में बदनाम दरोगा नागेंद्र सिंह द्वारा पकड़ लिए गए।कॉमरेड रणवीर नचिकेता के आंदोलन के साथी थे लेकिन मैंने उनके बारे में उसी दिन जाना क्योंकि उनके साथ जो साइकिल थाने में जमा हो गई थी वह मुझे मेरे मौसा ने भेंट दी थी।साइकिल आपातकाल और नागेंद सिंह के भेंट चढ़ गई।
कॉमरेड रणवीर को उनके समर्पित राजनैतिक जीवन में इसलिए भी याद किया जाना चाहिए कि वास्तविक लोकतंत्र सेनानी होने के बावजूद उन्होंने उसके लिए मिलने वाली पेंशन नहीं ली। उनके भतीजे डॉ शैलेन्द्र सिंह से अग्रज कॉमरेड रणवीर की खबर मिलती थी।शैलेन्द्र ने ही बताया था कि मेरे फेबु मित्र शिवेंद्र उनके पुत्र हैं ।
कॉमरेड रणवीर को विनम्र श्रद्धांजलि।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
















