— सरला माहेश्वरी —
पेड़
चाहे जितना ऊँचा हो जाए
जड़ें उसकी ज़मीन में ही रहती हैं
जिस दिन
छूट जाती है ज़मीन से जड़ें उसकी
मर जाता है पेड़ !
आदमी
जितना ही ऊँचा होता जाता है
ज़मीन से उतना ही दूर होता जाता है
आदमी फिर भी ज़िंदा रहता है !
आख़िर कहाँ से जुटाता है वह जीने की रसद !
अपनी जड़ों से कटकर
क्या सारे विश्व का हो जाता है वह !