22 अप्रैल। समाजवादी जन परिषद, नारी चेतना मंच एवं विंध्यांचल जन आंदोलन के तत्वावधान में ऐतिहासिक जय स्तंभ बचाने और यूक्रेन रूस युद्ध के विरोध में विश्व शांति के लिए दीप प्रज्वलन सत्याग्रह 58वें दिन भी जारी रहा। इस अवसर पर संकल्प फाउंडेशन की महिलाओं ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज कराते हुए जय स्तंभ बचाओ अभियान को गति प्रदान की । गत 58 दिनों से चल रहे जय स्तंभ बचाओ आंदोलन ने आजादी के रणबांकुरों की कुर्बानी की पावन स्मृति को ताजा किया है। जय स्तंभ सभी धर्म वर्ग समुदाय के लोगों की आस्था का प्रतीक है, इसका महत्त्व किसी भी उपासना स्थल से कम नहीं है। रीवा के जय स्तंभ चौक के पास मौजूद पुराने गवर्नमेंट प्रेस को हटाकर बनाए गए उद्योगपति समदड़िया मॉल के सौंदर्यीकरण के लिए जय स्तंभ को हटाए जाने की बात निश्चित रूप से आपत्तिजनक है। जय स्तंभ चौक का सौंदर्यीकरण होना चाहिए , न कि समदड़िया मॉल के लिए जय स्तंभ को हटाया जाए। सोने की प्रतिकृति भी ऐतिहासिक जय स्तंभ की जगह नहीं ले सकती है।
दीप प्रज्वलन सत्याग्रह में प्रमुख रूप से समाजवादी जन परिषद के नेता लोकतंत्र सेनानी अजय खरे , संकल्प फाउंडेशन की प्रमुख नजमा बेगम, नाहिद परवीन, कायनात परवीन , आबदून्निशा, शाहीन बानो, रेशमा खातून, खतीमुन्निशा, रेशमा बानो, सईदुन्निशा, शीतल पुरवार, शांति बहेलिया, साहित्यकार समाजसेवी मन संतोष, समाजसेवी बृजवासी प्रसाद तिवारी, जय स्तंभ क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिक सुभाष चंद्र प्रजापति, नंदकिशोर पुरवार आदि की भागीदारी रही।