24 मई। वाराणसी में जिस तरह से ज्ञानवापी के विवाद को तूल देकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है उससे सौहार्द और संविधान में विश्वास रखने वाले शहर के बहुत सारे लोग चिंतित हैं। उनका मानना है यह सब बांटो और राज करो के सुनियोजित षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है। एक बड़ा मकसद महंगाई, बेरोजगारी और कुशासन से जनता का ध्यान हटाना भी है। इस साजिश को समय रहते नाकाम करना आज वक्त का सबसे बड़ा तकाजा है।
इसी विचार को लेकर वाराणसी में सोमवार को जनता से संवाद अभियान का आगाज किया गया। अभियान की पहली कड़ी में शहर के दर्जनों राजनीतिक नेतृत्व से हुआ संवाद..और तय हुआ कि अमन और एकता बनी रहे इसके लिए पुरजोर कोशिश की जाए, पूजा स्थल अधिनियम 1991 कड़ाई से हो लागू हो और घनघोर एकपक्षीय मीडिया रिपोर्टिंग पर तत्काल रोक लगे। इन मांगों को लेकर 26 मई को चीफ़ जस्टिस को संबोधित ज्ञापन मंडलायुक्त को सौंपा जाएगा और जल्द ही शहर में एक विराट भाई-चारा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
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