दिल्ली के सफाईकर्मियों ने की स्थायी नौकरी की माँग, कहा ठेकेदारी नीति हो खत्म

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24 मई। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में बीते शनिवार को सफाई कर्मचारियों द्वारा एक सम्मलेन का आयोजन किया गया । इस सम्मलेन में सफाई कर्मचारियों की समस्याओं, स्थायी नौकरी की माँग और ठेकेदारी नीति को खत्म करने के मुद्दों पर विचार किया गया। देश भर से आये संगठनों की मदद से दलित आदिवासी शक्ति अधिकार मंच (DASAM) संस्थान ने इस सम्मलेन का आयोजन किया। सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि ठेकेदारों द्वारा उनका शोषण किया जाता है, साथ ही उनका कहना है, कि आमदनी बहुत कम होने की वजह से परिवार के सदस्यों की जीविका चलाना मुश्किल हो रहा है ।

DASAM द्वारा आयोजित ‘सीवर, संघर्ष और आजीविका’ सम्मेलन में सफाई कर्मचारियों में काम के समय होनेवाली दिक्कतों के बारे में चर्चा की गयी। कर्मचारियों का कहना है, कि सीवर की सफाई के समय जान जाने का सब से ज्यादा खतरा रहता है। इस विषय में सरकार द्वारा अभी तक कोई खास कदम नहीं उठाया गया है। सम्मेलन के दौरान, सीवर श्रमिकों ने अपने जीवन और संघर्ष, सुरक्षा उपकरणों की कमी और चोटों के बारे में बात की। दिल्ली के सीवर में काम करनेवाले मजदूरों के परिवारों ने भी अपनी दुर्दशा साझा की।

अनुसूचित जाति समुदायों के कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि “शनिवार और रविवार जैसी सार्वजनिक छुट्टी लेने पर भी मजदूरी काट ली जाती है।” कार्यक्रम में मौजूद कर्मचारियों और वकीलों ने सफाई कर्मचारियों के रोजगार में ठेकेदारी या बिचौलिया सिस्टम को खत्म करने की माँग का समर्थन किया।

एक कार्यकर्ता ने कहा, “हमें पैसे कमाने के लिए कभी-कभी शौचालयों और सेप्टिक टैंक में उतरना पड़ता है, लेकिन सरकार को हमारी चिंता नहीं है। इस साल की शुरुआत में दिल्ली-एनसीआर में करीब 10 मजदूरों की सीवरेज में मौत हो गयी। हालांकि सम्मेलन में भाग लेनेवालों ने बताया कि होनेवाली मौतों के वास्तविक आँकड़े और भी ज्यादा हो सकते हैं।

वरिष्ठ अर्थशास्त्री और DASAM के सलाहकार उमेश बाबू ने कहा, कि दिल्ली सरकार द्वारा ठेकेदारों पर खर्च की गयी राशि सीवर और सेप्टिक टैंक क्लीनर को स्थायी रोजगार देने के लिए पर्याप्त है। सरकार ने 2018-19 में 535 करोड़ रुपये, 2019-20 में 523 करोड़ रुपये और 2020-21 में 825 करोड़ रुपये ठेकेदारों पर खर्च किए और 2021-22 में 825 करोड़ रुपये खर्च करने की संभावना है। इस सम्मलेन में सरकारी प्रतिनिधियों, संगठनों और ट्रेड यूनियनों सहित 250 से अधिक सीवर कर्मचारी, संजय गहलोत (अध्यक्ष, दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग), अजय दत्त (विधायक, अम्बेडकर नगर), त्रिलोकपुरी के विधायक रोहित कुमार भी शामिल हुए।

(Workers Unity से साभार)


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