6 जून। उत्तर प्रदेश देश के उन राज्यों में है जो भारतीय जनता पार्टी के गढ़ माने जाते हैं। पिछले कई चुनावों से भाजपा ने हिंदू-मुस्लिम तनाव पैदा करने और मुस्लिम विरोधी ध्रुवीकरण को अपनी सियासी और चुनावी रणनीति का मुख्य आधार बना रखा है। 2013 में मुजफ्फरनगर के दंगों से जो राजनीति परवान चढ़ी आज वह आज पूरे देश में लोकतंत्र और सौहार्द का गला घोंटने पर उतारू है।
ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाईचारा मंच का गठन एक सुखद समाचार और एक प्रेरक संदेश है। मंच के कार्यकर्ता आनेवाले दिनों में शहरों, कस्बों और गांवों में अमन और भाईचारे का पैगाम लेकर जाएंगे। इस सिलसिले में कई तरह के कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं।
कर्नल जयवीर सिंह को भाईचारा मंच की पश्चिमी उत्तर प्रदेश इकाई का संरक्षक बनाया गया है। कामरेड डीपी सिंह मंच के संयोजक चुने गए हैं। इसके अलावा पंद्रह जिलों के अलग अलग संयोजक बनाए गए हैं। ये सभी चुनाव सर्वसम्मति से किये गये।
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