17 जुलाई। अवैध निलंबन वापस लेने और माँगपत्र के निस्तारण की माँग के साथ ऑटो पार्ट्स बनाने वाली मशहूर कंपनी नपिनो ऑटो, मानेसर, गुड़गाँव के मजदूर हड़ताल पर हैं। इस बीच प्रबंधन के अड़ियल रुख के कारण उप श्रमआयुक्त द्वारा बुलाई गई वार्ता एक बार फिर विफल रही। यूनियन के आह्वान पर मजदूरों ने पिछले तीन साल से लम्बित सामूहिक माँगपत्र के निस्तारण न होने तथा 6 श्रमिकों के निलम्बन के खिलाफ 14 जुलाई से हड़ताल शुरू की है। मजदूरों में प्रबंधन की हठधर्मिता व दमनकारी नीतियों के साथ श्रम-विभाग द्वारा मामले को लटकाए रखने के कारण भी आक्रोश है।
दरअसल नपिनो में यूनियन काफी समय से मजदूरों की माँगों को लेकर संघर्षरत है, पर प्रबन्धन द्वारा वार्ता करके समाधान निकालने की बजाय मामले को लटकाए रखा गया है। इस दौरान कम्पनी स्टाफ के वेतन में हर साल वृद्धि होती रही, लेकिन मजदूरों की तनख्वाह में कोई बढ़ोत्तरी नही हुई। मजदूरों के अनुसार श्रम-विभाग भी प्रबन्धन की ही भाषा बोलता है। जबकि प्रबंधन स्पष्ट रूप से श्रम कानूनों के उल्लंघन में लगा हुआ है। मजदूरों ने कई बार कंपनी द्वारा श्रम कानूनों की धज्जियाँ उड़ाने को लेकर श्रम अधिकारियों से शिकायत की, पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
श्रम अधिकारियों ने झूठे आश्वासन और खानापूर्ति से तीन साल से ज्यादा समय निकाल लिया। श्रम अधिकारी की मध्यस्थता में पहले दो-तीन बार लिखित में समझौते की बात के बावजूद इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया। प्रबन्धन की तरफ से कोई भी उच्च अधिकारी किसी वार्ता में नहीं पहुँचता। उलटे श्रमिकों का निलंबन हो गया। ऐसे में मजदूर हड़ताल करने पर मजबूर हुए हैं।
इस बीच नवनियुक्त उप श्रमायुक्त ने समझौता वार्ता हेतु कार्यालय में बुलाया था लेकिन प्रबंधन के उसी अड़ियल रवैये के कारण बात आगे नहीं बढ़ पायी। अब 19 जुलाई को फिर से वार्ता है। इधर मजदूरों की हड़ताल लगातार जारी है। तीन दिन से काम बन्द है। उधर आंदोलन कमजोर करने के लिए प्रबंधन कारखाने का उत्पादन दूसरे कारखानों में ठेके पर करा रहा है।
(‘मेहनतकश’ से साभार)