27 जुलाई। देशभर के डेयरी किसानों ने 27 जुलाई बुधवार को संसद के पास जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। ये किसान डेयरी उत्पादों, मशीनरी और दूध उत्पादों संबंधी मशीनों पर जीएसटी लगाने का विरोध कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान अखिल भारतीय किसान सभा से संबंधित डेयरी फार्मर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने किया था।
डीएफएफआई ने देश के सभी किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा सहित संयुक्त प्लेटफॉर्म से विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने का आह्वान किया है जिससे संघर्षों के माध्यम से सरकार के किसान विरोधी निर्णय को निरस्त करने को सुनिश्चित किया जा सके।
दरअसल जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक में एक ऐसा फैसला लिया गया है, जिसके चलते कई रोजमर्रा की जरूरी चीजों की कीमत बढ़ जाएंगी। ये बढ़ोत्तरी सोमवार 18 जुलाई से लागू हो गई है। इससे आम आदमी के किचन का बजट तो बिगड़ ही रहा है इसके अलावा इसने किसानों के लिए भी मुश्किल बढ़ा दी है। जीएसटी की नई दरें बढ़ने से दही, लस्सी, चावल समेत कई जरूरी चीजें महंगी हो गई हैं। पैकिंग वाला दही, लस्सी, पनीर और छाछ जैसे प्रोडक्ट्स पर जीएसटी की दरें बढ़ने का सीधा असर देखने को मिलने लगा है। इन पर 18 जुलाई से 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया। अभी तक इन चीजों पर कोई जीएसटी नहीं लगता था। यही नहीं रिपोर्टों से पता चलता है कि राज्यों में पशुचारे की कीमतों में भारी वृद्धि ने भी डेयरी किसानों को संकट में डाल दिया है।
डीएफएफआई ने देश के सभी किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा सहित संयुक्त प्लेटफॉर्म से विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने का आह्वान किया है, जिससे संघर्षों के माध्यम से सरकार के किसान विरोधी निर्णय को निरस्त करने को सुनिश्चित किया जा सके। आज के प्रदर्शन को सांकेतिक बताते हुए उत्तर प्रदेश के किसान भरत सिंह ने कहा, “सरकार के लिए ये चेतावनी है कि वो अपने किसान और आमजन विरोधी फैसले को वापस ले अन्यथा हम पहले की तरह आंदोलन करेंगे।”
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