3 सितंबर। शनिवार को ‘द कार्निवल’ में झारखंड राज्य बामसेफ इकाई का 21वाँ राज्य अधिवेशन हुआ। अधिवेशन का उदघाटन अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश मिंज ने किया। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व आईएएस चंद्रशेखर प्रसाद ने शिरकत की। विशिष्ट अतिथि सीटीआई के निदेशक विक्रमा राम थे। दो दिवसीय अधिवेशन में मुख्य विषय निजीकरण और आउटसोर्सिंग के दुष्प्रभाव से निपटने की रणनीति का था।
राष्ट्रव्यापी मंथन पर बोलते हुए चंद्रशेखर ने कहा, कि निजीकरण से देश की पूंजी अमीरों के कब्जे में चली गई है। अमीर और गरीब के बीच की खाई और चौड़ी हो गई है। भयंकर बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है और मजदूरों का शोषण पराकाष्ठा पर पहुँच गया है। जाति जनगणना न होने के कारण विभिन्न पिछड़ी जातियों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में हिस्सेदारी नहीं मिल पा रही है।
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