10 अप्रैल। संयुकत्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) हाईवे 24 घंटे के लिए जाम कर दिया जो दिल्ली की सीमाओं को जोड़ता है और सभी बाहरी शहरों के लिए बाईपास है। सुबह से ही किसान हाईवे पर पहुंचने लगे। इस सड़क को को जाम करने के लिए आसपास के लोगों के साथ -साथ पंजाब व हरियाणा से महिलाएं तथा नौजवान भारी संख्या में पहुंचे। किसान नेताओं ने इस बंद को चेतावनी बताते हुए कहा कि अगर सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो इसी तरह अन्य तरीकों से सरकार पर दबाव मनाया जाएगा।
10 अप्रैल को सुबह से ही गाजीपुर बॉर्डर व डासना प्लाजा पर किसानों ने जाम कर दिया। किसानों ने लंगर-पानी का प्रबंध भी इस हाईवे पर कर लिया। टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने भी केएमपी को जाम किया और मंच लगाया। सिंघु बॉर्डर के आन्दोलनकारी किसानों ने केएमपी पर तीन जगह जाम लगाया।
किसानों का यह कार्यक्रम पूरी तरह शांतमय रहा। इसमें दूसरे तबकों के लोगों का भी साथ और समर्थन रहा। सरकार हमेशा से किसानों के आंदोलन को हिंसक रूप में पेश करने की कोशिश करती रही है। आज रेवासन, मेवात में प्रदर्शन कर रहे किसानों को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में किसानों के दबाव में इन किसानों को छोड़ दिया गया। कुछ किसानों के साथ मारपीट भी की गई। संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा पुलिस के इस बर्ताव की कड़ी निंदा की है।
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