8 सितंबर। उत्तराखंड में परिवहन निगम में कर्मचारियों के आंदोलन पर सरकार ने रोक लगा दी है। सोमवार को परिवहन निगम में छह माह के लिए अति आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लगा दिया गया। कर्मचारी यूनियन ने इसे हिटलरशाही आदेश करार दिया है। विदित हो, कि उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने रोडवेज में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से ड्राइवर-कंडक्टरों की भर्ती का विरोध शुरू किया था। इसके तहत एक व दो सितंबर को 48 घंटे का कार्य बहिष्कार भी घोषित किया गया था। हालांकि निगम प्रबंधन के साथ वार्ता के बाद फिलहाल आंदोलन टाल दिया गया था।
इस बीच परिवहन निगम ने आंदोलनों पर रोक के संबंध में एस्मा का प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। सोमवार को परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने छह माह के लिए परिवहन निगम में सभी कर्मचारी संगठनों के किसी भी तरह के आंदोलन, हड़ताल पर रोक लगाते हुए एस्मा का आदेश जारी कर दिया। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा, कि निगम प्रबंधन की ओर से उन्हें समाचारपत्रों में बयान देने पर नोटिस दिया गया है। सेवा नियमावली और ट्रेड यूनियन के नियमों के तहत कर्मचारी नेताओं को समाचार पत्र एवं एजेंसी में बयान देने का अधिकार प्राप्त है। उन्होंने कहा, कि उनकी यूनियन निगम में भ्रष्टाचार और अनियमितता के मामले उठा रही है और आगे भी उठाती रहेगी। यूनियन नोटिस से डरनेवाली नहीं है। उनकी यूनियन मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री व उच्च न्यायालय के समक्ष एस्मा को लेकर आपत्ति दर्ज कराएगी।
(‘मेहनतकश’ से साभार)
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