11अप्रैल। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे किसान आंदोलन ने महापंचायतों का सिलसिला जारी रखा है। इन महापंचायतों से दो बातें साफ हैं। एक यह कि आंदोलन को किसानों का व्यापक समर्थन हासिल है। दूसरे, आंदोलन अब देशव्यापी हो चुका है। दक्षिण में पहली महापंचायत कर्नाटक के शिवमोगा में हुई थी तो वहीं पिछले हफ्ते हिमाचल में पहली महापंचायत हुई जिसे राज्य के किसान नेताओं के अलावा राकेश टिकैत ने भी संबोधित किया। हिमाचल की महापंचायत में अनाज के साथ ही सेब और दूध के दाम का मुद्दा उठाया गया। पिछले हफ्ते ही उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के भिटियां गांव में हुई महापंचायत ने बता दिया कि आंदोलन का विस्तार पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी हो रहा है। भिटियां की महापंचायत को राकेश टिकैत ने भी संबोधित किया। इससे पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया में महापंचायत हुई थी और उसमें भी टिकैत पहुंचे थे। बंगाल में संयुक्त किसान मोर्चा भाजपा हराओ अभियान चला रहा है और इस सिलसिले में आठ अप्रैल को उत्तर बंगाल के दिनाजपुर में किसान महापंचायत हुई जिसे स्थानीय नेताओं के अलावा मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव और अवीक साहा ने भी संबोधित किया। पिछले हफ्ते दो किसान महापंचायतें मध्यप्रदेश में भी होनी थीं लेकिन कोरोना का हवाला देकर अनुमति न दिए जाने के कारण नहीं हो पाईं।