बैंकों का निजीकरण सरकार का विकास-विरोधी कदम – वेंकटाचलम

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बैंककर्मी पुनः हड़ताल पर जा सकते हैं

29 सितंबर। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन की केंद्रीय समिति की बैठक के समापन के पश्चात महासचिव श्री सीएच वेंकटाचलम ने बताया कि वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षैत्र के उपक्रमों को निजी क्षेत्र में धकेलना विकास विरोधी कदम है और देश का सबसे बड़ा बैंककर्मी संगठन ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन इसके विरोध में हड़ताल की हद तक आंदोलन का निर्णय ले चुका है।

वेंकटाचलम ने कहा कि सार्वजनिक बैंकों में जमा धन जनता का है इसे निजी क्षेत्र के चंद पूंजीपतियों को सौंपे जाने निर्णय हमें स्वीकार नहीं है, इसके विरुद्ध हड़ताल की हद तक आंदोलन किया जाएगा। हड़ताल की तारीख की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी। सहकारी क्षेत्र के बैंकों में त्रिस्तरीय ढांचे की जगह द्विस्तरीय ढांचा लाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि इससे छोटे किसानों और उद्यमियों को कम ब्याज पर ऋण दिया जा सकेगा।

बैंककर्मियों के लिए लागू ग्यारहवें वेतन समझौते की समाप्ति और बारहवें समझौते की मांग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई तथा सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के चलते अगले वेतन समझौते का मांगपत्र का मसौदा तैयार किया गया है और इसमें आर्थिक मांगों के अलावा बैंककर्मियों की निजी एवं सामाजिक जरूरतों पर को भी शामिल किया गया है।

12वें द्विपक्षीय समझौते की ड्राफ्टिंग कमेटी में बैंक आफ इंडिया यूनियन के इंदौर के युवा साथी नवीन मोदी को शामिल करने का निर्णय लिया गया।

केंद्रीय समिति की बैठक की अध्यक्षता श्री राजेन नागर ने की तथा मेजबान मध्य प्रदेश बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के चेयरमैन मोहन कृष्ण शुक्ला ने सभी प्रदेशों से आए पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया।

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