4 अक्टूबर। भाँवर-तराई के औद्योगिक क्षेत्रों में मजदूरों को लामबंद कर उनके अधिकारों की लड़ाई लड़नेवाला इंकलाबी मजदूर केंद्र का छठा केंद्रीय सम्मेलन 2-3 अक्टूबर को रुद्रपुर में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के मजदूर प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। झंडारोहण हुआ और अध्यक्षीय भाषण के साथ छठे सम्मेलन की शुरुआत हुई। सम्मेलन में विगत तीन वर्षों की अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय घटनाओं पर विस्तार से चर्चा की गयी। नई कार्यकारिणी गठन में अध्यक्ष का दायित्व खीमानंद तथा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी पंकज कुमार को दी गई। युवा रोहित रुहेला को महासचिव और कोष सचिव सुरेंद्र सिंह की जिम्मेदारी दी गयी।
सम्मेलन में देश में बढ़ते फासीवाद के खतरे, नई श्रम संहिता, शहीदों को श्रद्धांजलि, श्रीलंका में पूंजीवादी शासकों के विरुद्ध जनता के जबरदस्त संघर्ष के समर्थन में, अग्निपथ योजना तथा साम्राज्यवाद के विरोध में कुल 6 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किये गए। इस खुले सत्र में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। मजदूर सहयोग केंद्र के अध्यक्ष मुकुल ने कहा, कि इंकलाबी मजदूर केंद्र ने अपना छठा सम्मेलन आज बेहद कठिन दौर में आयोजित किया है। उन्होंने बताया कि 13 नवंबर को मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान ( मासा) द्वारा 4 मजदूर विरोधी श्रम कोड्स को रद्द करने के लिए राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शन किया जाएगा।
इस सम्मेलन में प्रमुख तौर पर इंटार्क मजदूर संगठन से वीरेंद्र पटेल, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन अध्यक्ष राजकिशोर, फूड्स श्रमिक यूनियन आईटीसी के अध्यक्ष गोविंद सिंह, बेलसोनिका मजदूर यूनियन गुडगांव के अध्यक्ष अजीत, क्रांतिकारी किसान मंच के आनंद, सामाजसेवी सुब्रत विश्वास, ऑटोलाइन यूनियन के महामंत्री प्रकाश मेहरा, ठेका मजदूर कल्याण यूनियन के अध्यक्ष अभिलाख, ऑल इंडिया बीएसएनएल पेंशनर एसोसिएशन गुड़गांव के अध्यक्ष जय सिंह, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के महासचिव भूपाल, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र से रिचा, परिवर्तनकारी छात्र संगठन के महासचिव महेश के अलावा विभिन्न ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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