10 नवम्बर। मध्यप्रदेश में दिव्यांगों ने अपनी लंबित माँगों को लेकर ‘दिव्यांग स्वभिमान यात्रा’ निकाली। यात्रा की शुरुआत गुना जिले की राघोगढ़ तहसील से हुई थी, जिसमें पूरे प्रदेश के दिव्यांगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था, 7 नवम्बर को शुरू हुई यात्रा के दूसरे ही दिन कलेक्टर और एसपी दिव्यांगों के पास पहुँचे, लेकिन दिव्यांगों ने उन्हें अपना ज्ञापन नहीं दिया। दिव्यांग इस जिद पर अड़े रहे, कि प्रभारी मंत्री या गृह मंत्री ही हमारी यात्रा को बीच में समाप्त कर सकते है, दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा अपने दूसरे पड़ाव पर ही पहुँची थी, कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने दिव्यांगों से 3 माह का समय माँगा और दिव्यांग प्रतिनिधिमण्डल को मुख्यमंत्री आवास पर मिलकर अपनी बात रखने की व्यवस्था करने के लिए कहा। तब कहीं जाकर दिव्यांगों ने अपनी यात्रा को 3 माह के लिए स्थगित किया है।
प्रमुख माँगें :
1) दिव्यांगों का आरक्षण क्षैतिज से लंबवत किया जाए।
2) आउटसोर्स भर्ती में दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जाए।
3) यदि युगल दिव्यांग हैं, तो 2 लाख और यदि 1 दिव्यांग है, तो 5 लाख रुपये दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि दी जाए।
4) पेंशन को 600 से बढ़ाकर 5000 रुपए प्रतिमाह किया जाए।
5) सामाजिक न्याय निशक्तजन कल्याण मंत्रालय से निशक्तजन कल्याण मंत्रालय को अलग किया जाए।
6) पंचायत, विधानसभा, संसद सभी पटलों पर दिव्यांगों को अनिवार्य रूप से प्रतिनिधित्व दिया जाए।
7) सभी भर्तियों में बैकलाग के पद दिए जाएं।
8) शिक्षा के क्षेत्र में निशुल्क उच्च शिक्षा के अवसर और मुफ्त छात्रावास का प्रावधान हो।
9) प्रत्येक जिले में दिव्यांग सहायता केंद्र की स्थापना हो, जो दिव्यांग से संबंधित योजनाओं को समझाकर उनका समुचित क्रियान्वयन कर सकें।
10) दिव्यांगों के लिए आयुक्त एवं मुख्य आयुक्त के पद पर दिव्यांग व्यक्ति की ही नियुक्ति की जाए।
(‘मूकनायक’ से साभार)