30 नवंबर। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने गांव को पड़ोसी गांव से जोड़ने हेतु नई ग्रामीण सड़क नीति बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को ईमेल से पत्र भेजा है।
भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ अभियान’ के तहत 20 से 24 नवंबर 2022 के बीच मुलताई तहसील के 25 से अधिक गांवों में उन्होंने पदयात्रा की थी। जिसमें परमंडल से बड़ेगांव, बड़ेगांव से टेमझिरा, टेमझिरा से हरनाखेड़ी, हरनाखेड़ी से खतेड़ा, बाड़ेगांव से जौलखेड़ा, जौलखेड़ा से सुकाखेड़ी, निरगुड़ से एनस, जूनापानी से बानूर, बानूर से उमनपेठ, बिरूल बाजार से बलेगांव, बलेगांव से मीरापुर तथा ताईखेड़ा से चन्दोरा क्रमांक 1 तक सभी कच्चे रास्ते हैं। सभी गांव 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। जो गांव प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत जुड़े भी हैं, उनका इस्तेमाल करने पर ग्रामीणों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
यही स्थिति बैतूल जिले सहित मध्यप्रदेश के समस्त 52 जिलों की है।
ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि एक गांव से दूसरे गांव तक आने जाने में उन्हें साल भर भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। विशेषकर बरसात में इन रास्तों का पैदल चलने वाले भी इस्तेमाल नहीं कर पाते। किसान अपनी उपज को मंडियों तक नहीं ले जा सकते, न ही छात्र एक गांव से दूसरे गांव के स्कूल जा पाते हैं, न मरीज समय पर अस्पताल पहुंच पाते हैं। खेतों तक साइकिल, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, ऑटो, बैलगाड़ी भी नही पहुंच पाती है।
उन्होंने कहा कि गांव से गांव तक आवागमन हेतु कम खर्चे में 4 मीटर चौड़ी सड़क बनाकर बाद में डामरीकरण कर पक्की सड़कें बनाई जा सकती हैं। जिस पर भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित हो ताकि सड़क कई वर्षों तक खराब न हो।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि राज्य सरकार गांव को पड़ोसी गांव से जोड़ने हेतु नई ग्रामीण सड़क नीति बनाने का निर्णय अविलंब करेगी।
उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि प्रथम चरण में सभी राज्यों को दो गांव के बीच सबसे छोटे पैदल रास्ते का सर्वे करने और एस्टीमेट तैयार करने का आदेश जारी करें।
– भागवत परिहार