30 दिसंबर। शुक्रवार को भारत तिब्बत मैत्री संघ, बिहार का प्रतिनिधिमंडल डा हरेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में पद्ममश्री उषाकिरण ख़ान से मिला। प्रतिनिधिमंडल में सुरेन्द्र कुमार, प्रभात कुमार, डा विकास नारायण उपाध्याय, चन्द्रभूषण और कुमकुम भारद्वाज शामिल थे। भारत तिब्बत मैत्री संघ के 31 अक्तूबर और 1 नवम्बर को संपन्न सम्मेलन में पूर्व अध्यक्ष, स्व श्री रामचंद्र ख़ान के योगदान को याद किया गया था। तिब्बत की निर्वासित सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री प्रो सामदोंग रिंपोछे ने श्रद्धासुमन अर्पित किए थे तथा नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डा आनंद कुमार ने स्व रामचंद्र ख़ान को स्मृति चिह्न भेंट किया था। डा हरेन्द्र कुमार ने स्मृति चिह्न को स्वीकार किया था, शुक्रवार को उस स्मृति चिह्न को प्रतिनिधिमंडल ने उनकी धर्मपत्नी श्रीमती उषा किरण ख़ान को सौंप दिया। तिब्बत आंदोलन को सशक्त करने पर विमर्श हुआ।
श्रीमती ख़ान ने तिब्बत आंदोलन को अपना निरंतर सहयोग बनाए रखने का आश्वासन दिया। शीघ्र ही प्रदेश कार्यसमिति की बैठक पटना में होगी। भारत तिब्बत मैत्री संघ के अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश में इकाइयों को गठित करने के लिए वे शीघ्र ही विभिन्न जिला का दौरा करेंगे। भारत सरकार से मांग की गयी कि चीन द्वारा भारतीय सीमा के अतिक्रमण का उचित जवाब दिया जाना चाहिए। बोधगया में परमपावन दलाईलामा की सुरक्षा में और मुस्तैदी बरतने की मांग की गयी।