31 दिसंबर। जातिगत अत्याचार देश में बढ़ता ही जा रहा है। तमिलनाडु राज्य से जाति आधारित अपराध की एक और घटना सामने आई है। तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के 20 वर्षीय दलित युवक राजा मारियानाथन ने उच्चजाति के पुरुषों द्वारा पीटे जाने और बाद में पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किए जाने बाद आत्महत्या कर ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजा, वन्नियार समुदाय के एक बुजुर्ग व्यक्ति के बचाव में गया, जिसका दम घुट रहा था, और उसने राजा से पानी के लिए अनुरोध किया था। राजा ने पानी के लिए एक वन्नियार व्यक्ति मूर्ति का दरवाजा खटखटाया। लेकिन दरवाजे पर एक दलित युवक को देखकर मूर्ति आगबबूला हो गए और गाली-गलौज करने लगे। इसके बाद राजा को वन्नियार के आदमियों ने पीटा, तथा पीड़ित के खिलाफ बाइक चोरी का झूठा मामला भी दर्ज कराया।
‘द न्यूज मिनट’ की रिपोर्ट के अनुसार, राजा को उसके दोस्त सेबेस्टियन और विनोथ ने बचाया। जो उसे अस्पताल ले गए, जहाँ उसे चेहरे और धड़ पर टांके लगाने पड़े। मूर्ति और अन्य लोगों ने राजा पर हमले की शिकायत का विरोध करने के लिए उस पर बाइक चोरी का झूठा मामला दर्ज कराया। ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, राजा को उस गली में प्रवेश करने के लिए पीटा गया था, जहाँ उच्चजाति के परिवार रहते हैं। वन्नियार पुरुषों के खिलाफ धारा 147(दंगे), 148(दंगा, घातक हथियारों से लैस), 341(गलत संयम), 294बी(अश्लील शब्द या गाने गाना या बोलना), 324(स्वेच्छा से कारण), आईपीसी की धारा 506(2) (आपराधिक धमकी) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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