19 जनवरी। भारत में स्कूल नहीं जाने वाली लड़कियों का अनुपात 2022 में अब तक की सबसे कम दर दो प्रतिशत पर आ गया है। बुधवार को जारी शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) 2022 में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस समग्र गिरावट के बावजूद, तीन राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 10 प्रतिशत से अधिक लड़कियां स्कूल नहीं जा रही हैं, जो चिंता का विषय है। स्कूल नहीं जाने वाली लड़कियों का कुल अनुपात 2018 में 4.1 प्रतिशत और 2006 में 10.3 प्रतिशत था। चार साल बाद ‘प्रथम’ फाउंडेशन द्वारा यह सर्वेक्षण किया गया है, इससे पहले साल 2018 में किया गया था। 616 जिलों के सरकारी स्कूलों में किए गए इस सर्वेक्षण से पता चला है, कि हाजिरी के मामले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार सबसे पीछे हैं।
नवीनतम अध्ययन में ग्रामीण भारत में कुल 19,060 गाँवों का सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें 3,74,544 परिवार और 3 से 16 वर्ष की आयु के 6,99,597 बच्चे शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार महामारी के दौरान लंबे समय तक बंद रहने के बावजूद स्कूलों में दाखिले के आँकड़े 98 फीसद से अधिक के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुँच गए। रिपोर्ट में कहा गया है, कि इस अवधि के दौरान बड़ा बदलाव सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों की बढ़ती संख्या है। इसमें कहा गया है, कि 6 से 14 आयु वर्ग के लिए दाखिला दर पिछले 15 सालों से 95 फीसद से ऊपर रही है।
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