2 फरवरी। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा जीरा शराब फैक्ट्री को बंद करने की घोषणा को दो सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी शराब इकाई को बंद करने का कोई लिखित नोटिस या विज्ञप्ति प्रबंध तंत्र को नहीं मिली है। जीरा के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट गगनदीप सिंह ने इस मामले पर ‘द प्रिंट न्यूज’ के हवाले से बताया, कि हमें जीरा शराब फैक्ट्री मामले पर राज्य सरकार से कोई लिखित आदेश नहीं मिला है। इससे क्षुब्ध होकर जीरा सांझा मोर्चा के तत्वावधान में कारखाने के बाहर जमे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री का लिखित आदेश जारी होने से पहले अपना आंदोलन खत्म करने से साफ इनकार कर दिया है।
विदित हो कि मंसूरवाल गाँव, जहाँ इस कारखाना के बाहर ग्रामीण स्थायी तौर पर धरना दे रहे हैं, जिनका आरोप था, कि कारखाने की वजह से आसपास के क्षेत्रों में मिट्टी, पानी और हवा प्रदूषित हो रही थी। अंततः आप की सरकार ने छह महीने से जारी विरोध के आगे झुकते हुए आखिरकार 17 जनवरी को घोषणा की, कि कारखाने को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि जो कोई भी अपने निजी स्वार्थी और व्यावसायिक लाभों के लिए पंजाब की जमीन, हवा और पानी को खराब करने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। जीरा सांझा मोर्चा ने सोशल मीडिया के हवाले से कहा कि 3 फरवरी को पंजाब कैबिनेट की बैठक होने वाली है, इसलिए हमारा सीएम से आग्रह है कि इस घोषणा को कैबिनेट एजेंडे का हिस्सा बनाएं और इसे पारित कराएं।
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