17 फरवरी। ‘म्युनिसिपल कामगार एकता यूनियन’ ने माँग की है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार सरकारी नौकरियों में कोविड वॉरियर्स को प्राथमिकता दे और उन्हें सरकार द्वारा घोषित भत्ता दिया जाए। यूनियन ने राज्य भर से कई कोविड वॉरियर्स को जुटाया है, जिन्हें नौकरियों की जरूरत है, और जो लोग भत्ता माँग रहे हैं, वे मुंबई में मंत्रालय की ओर मार्च करेंगे। जैसे-जैसे कोविड-19 में कमी आई, वैसे कोविड वॉरियर्स को नियुक्त करने की आवश्यकता भी कम होती गई, जो ज्यादातर संविदा कर्मचारी थे। इसलिए कई कोविड वॉरियर बेरोजगार हो गए थे, और उन्हें अपना घर चलाने के लिए पैसों की जरूरत थी।
यूनियन का कहना है कि जहाँ कुछ कोविड वॉरियर्स को भत्ता मिला है, वहीं अधिकांश को यह भत्ता मिलना बाकी है। उन्होंने माँग की है कि उनके काम में जो जोखिम है, उसके लिए उन्हें घोषित बोनस के अलावा कम से कम 25,000 रुपये मिलने चाहिए। संघ ने आगे कहा, कि केवल प्रमाणपत्र देकर उन्हें सम्मानित करना पर्याप्त नहीं है। 5 फरवरी को म्युनिसिपल कामगार एकता यूनियन के एक लाइव सत्र के दौरान यह कहा गया था कि कोविड के दौरान वॉरियर्स की तारीफ की गई थी, और फूलों से उनकी पूजा की जाती थी, अब किसी को उनकी परवाह नहीं है। नगर निगमों ने अच्छी तरह से काम करने के लिए उनके घरों को धन्यवाद पत्र भी नहीं भेजा। नौकरी और भत्तों की माँग कर रहे कोविड वॉरियर्स को न्याय दिलाने का यह आंदोलन पूरे राज्य में बीते 24 सितंबर से अनवरत जारी है। इसी क्रम में 2 मार्च को होने वाला यह “चलो मंत्रालय मोर्चा” है।
(‘सबरंग इंडिया’ से साभार)