26 अप्रैल। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में विभिन्न माँगों को लेकर तमाम छात्र आंदोलनरत हैं। जहाँ एक तरफ कुछ छात्र छात्रावास आवंटित न होने से परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ छात्र पानी जैसी मूलभूत जरूरत के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि दूसरे सेमेस्टर में होने के बावजूद उन्हें छात्रावास के कमरे आवंटित नहीं किए गए हैं, जिससे उन्हें किराए के आवास में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। छात्रों ने आगे कहा कि छात्रावास आवंटन में मैनुअल को फॉलो नहीं किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने डीन ऑफ स्टूडेंट्स के कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया है। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी माँगें नहीं मानी जातीं, तब तक धरना जारी रहेगा। जेएनयू प्रशासन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
वहीं दूसरी तरफ पानी की किल्लत से परेशान छात्रों ने बताया कि हर साल के मुकाबले इस साल पानी की कुछ ज्यादा ही किल्लत हो रही है, हम सभी जब विरोध करते हैं, फिर कुछ दिन तक स्थिति ठीक रहती है। एक छात्र ने न्यूज क्लिक के हवाले से बताया कि जिन छात्रों की क्लास 11 बजे के बाद होती है, वे देर से उठते हैं, और उस वक्त छात्रावास में ऐसा हाल होता है, जैसे रेगिस्तान में ऊंट पानी को तलाशते हैं। वैसे छात्र पानी की तलाश में निकलते हैं, कौन से नल में पानी आ रहा है, कौन सी टंकी है जो भरी हुई है? नहाने में देरी की वजह से लाइब्रेरी में बैठने की जगह नहीं मिलती। ऐसे में क्या करें, पढ़ाई करें या फिर पानी के लिए भटके?