मधु लिमये उस आदर्श के प्रतीक जिसमें सिद्धांत से समझौता नहीं करते – रघु ठाकुर

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29 जुलाई। समाजवादी चिंतक व राजनेता रघु ठाकुर की किताब ‘सच के आईने में मधु लिमये’ का लोकार्पण समारोह शनिवार, 29 जुलाई को भोपाल में माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय के सभागार में सम्पन्न हुआ।

रघु ठाकुर सहित सप्रे संग्रहालय के संस्थापक विजयदत्त श्रीधर, बाराबंकी से आए वरिष्ठ समाजवादी राजनाथ शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार गिरिजाशंकर, डा राम विद्रोही, साहित्यकार मुकेश वर्मा, स्टेट बैंक आफ इंडिया के डीएमडी विनोद मिश्रा, आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर के प्राध्यापक जयन्त सिंह तोमर ने मधु लिमये को याद किया।

समता ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए डा शिवा श्रीवास्तव व बुंदेली कवि महेश कटारे ‘सुगम’ का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन रघु ठाकुर ने व धन्यवाद ज्ञापन समता ट्रस्ट के अध्यक्ष मदन जैन ने किया।

इस अवसर पर जाने-माने सम्पादक एनके सिंह, पूर्व मंत्री राजा पटेरिया, दीपक जोशी, विशेष रूप से उपस्थित थे।

रघु ठाकुर ने मधु लिमये के त्याग, संघर्ष व देशसेवा को याद करते हुए कहा कि मधु जी उस आदर्श के प्रतीक हैं जिसमें सिद्धांत से समझौता नहीं करते। जनता पार्टी तोड़ने के लिए वे जिम्मेदार नहीं थे यह बात नानाजी देशमुख ने लिखी। मधु लिमये ने विशेष अवसर के सिद्धांत पर जोर देते हुए आरक्षण की स्वत: समापनीय योजना सुझाई थी। उन्होंने देश की आजादी के साथ गोवा की आजादी के लिए संघर्ष किया और बताया कि समाजवाद आनेवाली पीढ़ियों के भविष्य का इंतजाम करता है।

राजनाथ शर्मा ने कहा कि मधु जी जैसे नेताओं ने ही सिखाया कि संतति व संपत्ति को जो त्याग दे वही सच्चा समाजवादी है। उन्होंने न्यूनतम लेकर अधिकतम दिया और श्रेष्ठतम जिया।

विजय दत्त श्रीधर ने कहा, मधु लिमये ने सत्ता के केन्द्र में रहकर जो सादगी भरा जीवन जिया उससे उन लोगों को कुछ सीखना चाहिए जो जनता के प्रतिनिधि बनकर हर चीज में विशेषाधिकार चाहते हैं और साधारण नागरिक की तरह नहीं जीना चाहते। वरिष्ठ पत्रकार व रंगमंच विशेषज्ञ गिरिजाशंकर ने कहा कि रघु ठाकुर की सादगी व सक्रियता में मधु लिमये की छवि दिखाई देती है। उन्हें देखकर उम्र की चिंता दूर हो जाती है। देश की एक बड़ी आबादी आज भी अगर विचार और सामाजिक सरोकार से जुड़ी है तो उसके पीछे इन्हीं आदर्शों की प्रेरणा है।

डॉ राम विद्रोही ने कहा कि समाजवादी विचार आंदोलन से जिंदा रहता है। डॉ लोहिया व मधु लिमये ने यह राह दिखाते हुए सिखाया था कि समाजवादी रिटायर नहीं होते। वे या तो बर्खास्त होते हैं या दुनिया ही छोड़ देते हैं। स्टेट बैंक आफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी विनोद मिश्र ने कहा कि देश को मधु लिमये व जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं के रास्ते पर चलकर बचाये रखा जा सकता है।

कार्यक्रम में लोसपा नेता श्यामसुंदर यादव, श्री ओपी रावत पूर्व चुनाव आयुक्त, गांधी भवन भोपाल के सचिव दयाराम नामदेव, सुरेश जैन आइएएस, सेवानिवृत्त डीजीपी श्री अंसारी, अनूप सिंह, सीपीआई नेता शैलेन्द्र शैली, भागवत सिंह, प्राची राजे, ममता मल्हार, संजू जैन चित्रकार, पाण्डे पूर्व श्रमायुक्त, मकसूद भाई सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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