हिंदी विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बचाने के लिए यूथ फॉर स्वराज ने की राष्ट्रपति से अपील

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31 जुलाई। महाराष्ट्र के वर्धा स्थित इकलौते केंद्रीय विश्वविद्यालय ‘महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय’ की प्रतिष्ठा बचाने के लिए यूथ फॉर स्वराज ने एक पत्र लिखकर राष्ट्रपति से अपील की है। यूथ फॉर स्वराज ने अपने पत्र में कहा है कि विश्वविद्यालय की गरिमा एवं सम्मान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। पत्र में आगे बताया गया है कि जब से कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कार्यभार संभाला है, तब से दलित-आदिवासी-पिछड़े वर्ग के छात्रों, महिलाओं तथा कर्मचारी/प्रोफेसर तक को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसके अलावा विश्वविद्यालय छात्रों के निलंबन, निष्कासन तथा प्रताड़ित करने संबंधी या फिर नियुक्तियों में धांधली संबंधी विभिन्न विवादों का केंद्र बना हुआ है। जिससे शिक्षक संघ और छात्र संगठनों में काफी रोष है। विश्वविद्यालय प्रशासन के गैर-जिम्मेदार रवैए से अकादमिक गतिविधियाँ अवरुद्ध होती रही हैं, साथ ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल हो रही है।

प्रमुख माँगें

1) विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में महामहिम राष्ट्रपति का दौरा अचानक से रद्द हुआ। जिसका मुख्य कारण शीर्ष पदाधिकारी के खिलाफ महिला का आरोप बना, स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर से पता चला। इसकी उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए।

2) विश्वविद्यालय के कुलपति और महिला के वायरल हो रहे चैट की न्यायिक जाँच हो, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।

3) राजेश कुमार यादव(पीएचडी शोधार्थी, स्त्री अध्ययन विभाग) की एक फेसबुक पोस्ट के आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है, और संबंधित प्रोफेसर से प्रश्न करने पर जनसंचार के दो छात्रों को ‘कारण बताओ नोटिस’ कुलसचिव द्वारा दिनांक 21.07.2023 को जारी किया गया है। ये सभी नोटिस तत्काल वापस हों।

4) शोध छात्रा के साथ छेड़छाड़ की घटना होने के तीन महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी, इस संबंध में तत्काल कार्रवाई की जाए।

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