‘माचागोरा के विस्थापितों को न्याय दो’ यात्रा निकालने का निर्णय लिया
2 अक्टूबर को छिंदवाड़ा से किसानों की रैली भोपाल पहुंचेगी
19 अगस्त। देश के साढ़े पांच सौ किसान संगठनों के सांझा मंच, संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा देशभर में किसान सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
शनिवार 19 अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा का जबलपुर संभागीय किसान सम्मेलन छिंदवाड़ा में माचागोरा बांध पर रामगोपाल वर्मा की अध्यक्षता में तथा संयुक्त किसान मोर्चा, मध्यप्रदेश के प्रभारी एवं संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमिटी के सदस्य, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, संयुक्त किसान मोर्चा सिवनी के संरक्षक डी डी वासनिक, किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव डॉ राजकुमार सनोडिया, अंगद सिंह बघेल, ओमप्रकाश बोर्डे, किरण प्रकाश, प्रदीप मरावी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।
सम्मेलन में पेंच व्यपवर्तन परियोजना प्रभावित किसानों को संपूर्ण मुआवजा देकर पुनर्वास कराने, पेंच व्यपवर्तन परियोजना प्रभावितों के लिए स्थायी रोजगार का प्रबंध कराने, सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह करने वाले अधिकारियों को सजा दिलाने, कृषि उत्पादों की समर्थन मूल्य (C2 + 50%) पर खरीद की कानूनी गारंटी देने, केरल की तरह सब्जियों की एम.एस.पी. पर खरीद करने, गन्ने की 400 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद करने, किसानों को सम्पूर्ण कर्जा मुक्त करने, बटाईदारों को न्याय देने, सभी मध्यम, छोटे, सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को प्रति माह 5,000 रुपये की किसान पेंशन देने, सभी महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ देने, ग्रामीणों को 100 रुपये प्रतिमाह बिजली बिल देने, दुग्ध उत्पादक किसानों से समितियों द्वारा 10 रुपये प्रति फैट पर दुग्ध खरीदी शुरू कराने, प्रदेश में शराबबंदी लागू कराने आदि प्रस्ताव पारित किए गए।
सम्मेलन में इन सभी मुद्दों को लेकर जिले में 10 सितंबर से ‘माचागोरा के विस्थापितों को न्याय दो यात्रा’ निकालने, 25- 26 सितंबर को भोपाल में आयोजित होने वाले भूमि अधिकार आंदोलन, 2-3-4 अक्टूबर को भोपाल में विधानसभा पर 3 दिन का धरना कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने का निर्णय लिया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान संघर्ष समिति के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ विजय बिजौलिया ने सभी किसानों को नशे से दूर रहने का संकल्प दिलाया।
किसान संघर्ष समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष एड.आराधना भार्गव ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसान संघर्ष समिति गत 26 वर्षों से किसानों के मुद्दों को लेकर आंदोलनरत है। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में किसान संघर्ष समिति पेंच व्यपवर्तन परियोजना के विस्थापितों के पुनर्वास के लिए आदर्श पुनर्वास नीति 2002 लागू करने के लिए संघर्षरत है।
उन्होंने कहा कि जब हमारी मांगें सरकारों ने नहीं मानीं तब हमने सर्वोच्च न्यायालय में जाकर वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट संजय परीख के माध्यम से याचिका दायर की। लेकिन दुखद है कि राज्य सरकार आदर्श पुनर्वास नीति को लागू करने की प्रतिबद्धता जाहिर करने की बजाय झूठे हलफनामे पेश कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपनी ही सरकार द्वारा बनाई गई आदर्श पुनर्वास नीति का पालन कराने के लिए आंदोलनरत किसानों का साथ देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष समिति जब भी कभी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा आएंगे तब उन्हें इस आशय का ज्ञापन सौंपेगी तथा संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से उनकी ही सरकार द्वारा बनाई गई आदर्श पुनर्वास नीति को लागू कराने के लिए उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पत्र लिखा जाएगा।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के 380 दिन तक चले किसान आंदोलन में शहीद हुए 750 किसानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष समिति, मुलताई के 24 शहीद किसानों की प्रेरणा से 26 वर्षों से सतत कार्य करने वाला संगठन है।
डॉ सुनीलम ने छिंदवाड़ा के किसानों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने संघर्ष के दम पर अपने अधिकार पाने के लिए संघर्ष की मिसाल पेश की है।
डॉ सुनीलम ने कहा कि शिवराज सिंह सरकार किसानों से रोज नए-नए वादे करती है लेकिन वस्तुस्थिति यह है कि मुख्यमंत्री ने किसान कल्याण योजना के तहत 6,000 रु देने का वादा किया था। ना तो उन्होंने सभी किसानों को 6,000 रुपये उपलब्ध कराये हैं ना ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 5 साल के 30,000 रु सभी किसानों को मिले हैं।
डॉ सुनीलम ने कहा कि बिजली विभाग ग्रामीणों से 400 रु से अधिक के बिजली बिल वसूल रहा है। किसान संघर्ष समिति घरेलू बिजली बिल 100 रु कराने के लिए आंदोलन चलाएगी।
उन्होंने 22 सितंबर को रीवा में होने वाले प्रदेश स्तरीय किसान सम्मेलन, 2-3-4 अक्टूबर को भोपाल में विधानसभा पर 3 दिन की किसान महापंचायत तथा 24 अगस्त को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले राष्ट्रीय मजदूर किसान सम्मेलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने की अपील की। सम्मेलन में सभी कार्यक्रमों के संचालन के लिए अलग अलग संचालन समितियों का गठन किया गया।
संभागीय सम्मेलन को सिवनी के डॉ राजकुमार सनोडिया, डी डी वासनिक जी, तीरथ सनोड़िया, अर्जुन सनोड़िया, दयाराम सनोड़िया, ज्ञानी उईके, सतीश सनोड़िया, लोकेश सनोड़िया, श्रीमती किरण बुर्ड़े, रामकुमार सनोड़िया, जगनेश सनोड़िया, ओमप्रकाश बुर्ड़े, अंगद बघेल, पवन सनोड़िया ने संबोधित किया।
माचागोरा बांध स्थल पर हुए सम्मेलन को प्रभारी प्रकाश साहू, सूरज सिंह वर्मा, नगेंद्र साहू, रघुनंदन साहू, प्रकाश वर्मा, रामनाथ ठाकुर, फागलाल वर्मा, शिवकुमार वर्मा, गंगाराम साहू, कमलेश सुलखिया, डूब क्षेत्र के प्रमुख किसान झिंगा वर्मा, राजकुमार वर्मा, सज्जे पटेल, गौतम पटेल, अरविंद उइके, हरिराम वर्मा, श्याम पाठक, दुर्गेश वर्मा, संतराम वर्मा, रणधीर सिंह ठाकुर ने भी संबोधित किया।
सम्मेलन के बाद सर्व सेवा संघ के वाराणसी स्थित परिसर को ध्वस्त करने के खिलाफ, भारी बरसात के बीच, नारेबाजी करते हुए परिसर को कब्जा मुक्त कराने के लिए सत्याग्रह किया गया।
सम्मेलन के दौरान बिजली काटे जाने की सभी वक्ताओं ने निंदा की।
– श्रीकांत वैष्णव