30 अगस्त। जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग कटनी को 13 जून 23 के पत्र में परियोजना के सर्वेक्षण कार्य करने हेतु 29.61 लाख रुपए आबंटित करने की खबर मिलते ही कटनी जिले के ढिमरखेंगा विकास खंड के भोपार गांव में महानदी पर प्रस्तावित वृहद सिंचाई परियोजना का व्यापक विरोध स्थानीय समुदाय द्वारा शुरू हो गया है। विगत एक माह से इस वृहद सिंचाई परियोजना को निरस्त कराने देगवां, मेहगवां, छाहर, उमरपानी, बिलगंगा, कटरिया, अतरिया, सर्रा, कुदरी, कोरो, बिलासपुर, मानिकपुर, बिरसिंहपुर, कोटलदी आदि गांवों में बैठकों का दौर चल रहा है। इन बैठकों में ग्रामीणों ने परियोजना को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया है।
प्रस्तावित बांध को लेकर ढीमरखेंगा एसडीएम विक्की सिंह ने बीते मंगलवार को जनपद पंचायत सभागार में जनप्रतिनिधियों की बैठक बुलाई। बैठक में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री जेपी बघेल ने सिंचाई परियोजना संबंधी जानकारी दी। बैठक में जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने एक स्वर में परियोजना निरस्त करने की मांग रखी। क्षेत्रीय विधायक राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि बांध बनने से ग्रामीणों का बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा। जिला पंचायत सदस्य अजय गोटिया ने कहा कि इस क्षेत्र में अधिकतर आदिवासी समुदाय निवास करते हैं। अगर बांध का निर्माण हुआ तो इनकी जिंदगी तबाह हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जनता की मांग पूरी नहीं हुई तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा।

कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य कविता राय, जनपद सदस्य सुशील सिंह, अशोक धुर्वे, अब्दुल कादिर खान, संतोष साहू, गुलाब खान, भोला सिंह ठाकुर, पंजाब सिंह कुलस्ते, गौतम सिंह उटीया, निरंजन सिंह आरूटे, राकेश सिंह मरावी, रमेश सिंह धुर्वे, कुमिल बाई, द्रौपदी बाई, सुनीता बाई आदि शामिल थीं।
ज्ञात हो कि इस बांध से कटनी के 8 और उमरिया जिले के 6 गांवों का विस्थापन होगा। जिसमें 2174 हेक्टेयर निजी, 1967 हेक्टेयर सरकारी और 615 हेक्टेयर वनभूमि अर्थात कुल 4756 हेक्टेयर भूमि डूब में आएगी। इस बांध से कटनी के 51400 हेक्टेयर और उमरिया जिले के 34100 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई होना प्रस्तावित है।
– अशोक धुर्वे
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