23 सितंबर। देश की राजधानी होते हुए भी दिल्ली देहात के किसानों की जमीन को कौड़ियों के भाव में सरकार द्वारा अधिग्रहण करने का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है। आलम यह है कि किसानों की 4,840 गज जमीन को मात्र 2 करोड़ 12 लाख रुपए में सरकार द्वारा अधिग्रहण किया जा रहा है जबकि द्वारका और रोहिणी जैसे उपनगरों में 100 गज जमीन के प्लाट की कीमत 4 से 5 करोड़ रुपए है जो दिल्ली के किसानों के साथ घोर अन्याय है। दिल्ली देहात के किसानों की मांग है कि हमारी जमीन के सर्किल रेट को उपराज्यपाल जी अविलंब लागू करे।
जय किसान आंदोलन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष राजीव यादव ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली सरकार के प्रस्तावित सर्किल रेट की फाइल को वापिस भेजना दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है और हैरत की बात ये है कि जो आपत्ति उपराज्यपाल द्वारा लगाई गई है वह एकदम तर्कहीन होने के साथ-साथ किसानों के साथ भद्दा मजाक है क्योंकि दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के हिसाब से जिस जमीन का जो लैंडयूज है उसी के आधार पर नए सर्किल रेट तय किए गए हैं। इसलिए दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित नए सर्किल रेट तकनीकी, व्यावहारिक और कानूनी रूप से भी सही हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि नए सर्किल रेट लागू होने से किसानों की जमीन को कौड़ियों के भाव अधिग्रहण से निजात मिलेगी और किसानों की जमीन और उनके परिवार की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
झाड़ोदा और पपरावट गांव के किसान इंद्रजीत डागर व ओमदत्त यादव ने कहा है कि आज उपराज्यपाल को दिए ज्ञापन के अनुसार अगर उपराज्यपाल जी द्वारा एक महीने के अंदर दिल्ली के किसानों की जमीन के सर्किल रेट को लागू कर नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया तो 16 अक्टूबर दिन सोमवार को सुबह 10 बजे दिल्ली देहात के सैकड़ों किसान अपने खेत की मिट्टी कलश में लेकर नजफगढ़ दिल्ली गेट गौशाला नंबर एक से पैदल राजनिवास तक कूच करेंगे और दिल्ली देहात की माटी उपराज्यपाल जी को भेंटस्वरूप दी जाएगी और इसी माटी की खातिर अपने पूर्वजों के बलिदान की याद दिलाई जाएगी।
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