नरम हिंदुत्व कार्ड

0

Vinod kochar

— विनोद कोचर —

रम हिंदुत्व’का जो कार्ड, कांग्रेस उत्तर भारत मे खेल रही है, उसमें लोहिया वादी सर्वसमावेशी, धर्मनिरपेक्ष,जाति और पंथ निरपेक्ष उदार हिंदुत्व का कोई भी लक्षण नजर नहीं आता।इसका दूरगामी दुष्परिणाम कांग्रेस को और फायदा संघी हिन्दूराष्ट्रवाद को ही मिलेगा। कांग्रेस आज भी अपनी उस विचारधारा के कारण जीवित है जो उसने और क्रांतिकारियों ने आजादी के लिए लड़ी गई लंबी और ऐतिहासिक लड़ाई के दौरान अपने त्याग बलिदान और तजुर्बों के मंथन से अर्जित और विकसित की है।

उसी विचारधारा को वर्तमान राजनीतिक संदर्भो में भी समृध्द करने की ऐतिहासिक जरूरत है, जिसे संघ/भाजपा विरोधी तमाम विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ को समझना पड़ेगा।

ईवीएम, ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग, चुनाव आयोग, गोदी मीडिया आदि का दुरुपयोग तो होता ही रहेगा क्योंकि सुप्रीमकोर्ट भी इन मुद्दों के जरिये, लोकतंत्र और संविधान का चीरहरण होते हुए देख कर भी, धृतराष्ट्रीय मुद्रा में,नहीं देख रहा है।
‘इंडिया’ गठबंधन को ऐसी ही विपरीत धारा को चीरते हुए, इसके विरोध में लड़ना पड़ेगा।

केवल भाजपाई/संघी हुक्मरानों को सत्ताच्युत करने वाला अल्पजीवी राजनीतिक एजेंडा इंडिया गठबंधन को लंबे पैमाने की कामयाबी नहीं दिला सकता।उसे एक सर्वसम्मत राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा भी तैयार करना होगा।
सिर्फ भौतिक बल के जरिये ये लड़ाई नहीं जीती जा सकती।नैतिक और आध्यात्मिक बल के, गांधी-लोहिया-जयप्रकाश वादी नैतिक मूल्यों को भी अपनाना पड़ेगा।

बकौल दिनकर:-

यूं तो अंचल पकड़ धार का, सिंधु सभी पा जाते हैं।
स्वर्ग मिलेगा उसे, खोजता जो गंगा का मूल चले!


Discover more from समता मार्ग

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment