मदारी की सलाह

1
hindu and muslim

Dhruv Shukla— ध्रुव शुक्ल —

मुसलमान को सलाम
हिन्दू को राम-राम
गुडमार्निंग ईसाई को
हर बहन, हर भाई को

किसी का भी हो राज
होती रहती है खटपट की खुजली और खाज
औरत हो या मर्द
सबको होता है सिरदर्द
ठीक नहीं होता किसी कानून से
जात-पाॅंत के जुनून से

जहाॅं काम न आये धरम
वहाॅं काम आती है प्रेम की मरहम
इसे लगाइए, फौरन आराम पाइए
फिर मजे से धरने पर बैठिए
जुलूस में जाइए, नारा लगाइए
बिगड़ी बात बनाइए
खूब पानी पिलाइए सरकार को
उतारिए उसके बुखार को

दूर खड़े होकर हाथ मत हिलाइए
पैदल चलकर खुली सड़क पर आइए
अपने-अपने हाथ धोकर पीछे पड़िए
हाथ उठाकर लड़िए अन्याय से
पार पाइए रोज़ की हाय-हाय से
जब तक घर के पकवान हैं फीके
लड़ने के हैं यही तरीके
कम न पड़े आवाज़ किसी की
हाथ न कम पड़ जायें किसी के
जीवन नहीं चलता किसी के राज से
वह चलता है मेहनत और आवाज से

ज़िन्दगी मुफ़्त की आशा नहीं है
वो जी नहीं सकता जिसके पास भाषा नहीं है
मेरी सलाह कोई तमाशा नहीं है


Discover more from समता मार्ग

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

1 COMMENT

  1. भोपाल स्कूल के होकर भी ध्रुव शुक्ल हिन्दुस्तान की कविताएं लिख रहे हैं। कमाल है।

Leave a Comment