दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के मंच ने वित्त मंत्री को सौंपा ज्ञापन

0

आज 6 जनवरी 2025 को ट्रेड यूनियनों के साथ बजट पूर्व परामर्श पर वित्त मंत्री से मुलाकात के बाद केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के मंच द्वारा प्रेस को निम्नलिखित बयान जारी किया गया।

दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के मंच ने बजट 2025-2026 से अपनी अपेक्षाओं पर जोर देने के लिए बजट पूर्व परामर्श में वित्त मंत्री को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा। उन्होंने एक बार फिर बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने, पीएसयू और केंद्र और राज्य सरकार के विभागों में स्वीकृत रिक्त पदों को भरने, नए पदों के निर्माण पर प्रतिबंध हटाने, श्रम गहन उद्योगों में अधिक निवेश के लिए आउटसोर्सिंग और ठेकेदारीकरण की नीति को समाप्त करने, एम एस एमई (MSME), स्व-रोज़गार के लिए आजीविका योजनाओं का अधिक सृजन, मनरेगा के दिनों को बढ़ाकर 200 करने के साथ वेतन में 600/- रुपये की वृद्धि, शहरी रोजगार गारंटी के लिए नई नीति की शुरुआत आदि की मांग की।

उन्होंने निजीकरण, विनिवेश और सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी सेवाओं को निजी कंपनियों को बेचने की नीतियों को वापस लेने की मांग की।

उन्होंने कवरेज के लिए ई पी एफ (EPF) और ई एसआई सी (ESIC) की सीमा में वृद्धि के साथ-साथ इन वैधानिक योजनाओं को समावेशी बनाने के लिए गिग/ऐप-आधारित श्रमिकों और घरेलू श्रमिकों सहित अनौपचारिक अर्थव्यवस्था कार्यबल के लाभ के लिए कवरेज को लगातार बढ़ाने की भी मांग की। योजना कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और उन्हें ईएसआईसी में शामिल करने के लिए आई एल सी (ILC) की सिफारिश भी सभी यूनियनों द्वारा उठाई गई।

सीटीयू चाहते हैं कि औद्योगिक शांति के हित में सीटीयू की शिकायतों के निवारण के लिए जल्द से जल्द आई एल सी के संचालन के लिए वित्त मंत्री हस्तक्षेप करें।

उन्होंने चार श्रम संहिताओं को वापस लेने/ख़त्म करने की अपनी मांग भी दोहराई। यह मांग भी की कि धन उत्पन्न करने के लिए, सरकार को कॉरपोरेट्स पर कर बढ़ाना चाहिए, संपत्ति कर और उपहार कर लागू करना चाहिए। ज्ञापन में कई अन्य मुद्दे भी उठाए गए।


Discover more from समता मार्ग

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment